साभार/ नई दिल्ली। आयकर विभाग ने शनिवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों से जुड़ी करीब 50 जगहों पर छापेमारी की। आयकर विभाग ने यह छापेमारी इंदौर, भोपाल, गोवा और दिल्ली में की है। इस कार्रवाई में आईटी के करीब 300 अधिकारी जुटे हैं। जिन लोगों के परिसरों में छापेमारी की गई है, उनमें कमलनाथ के पूर्व ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) प्रवीण कक्कड़, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, उनके साले की कंपनी के कुछ अधिकारी और उनके भांजे रतुल पुरी की कंपनी पर की गई है। खबरों की मानें तो सीएम कमलनाथ ने इन रेड के बारे में कोई भी बयान देने से मना कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह के ऑपरेशन करने के पीछे कांग्रेस नेताओं के फाइनैंशल मैनेजमेंट को कमजोर करना है। इन छापेमारियों के बाद प्रदेश भर में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, ‘मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव के घर से आयकर विभाग के छापे में करोड़ों रुपये की काली कमाई बरामद हुई। इससे एक बात तो साफ हो गई कि जो चोर है, उसे ही चौकीदार से शिकायत है।’
उधर, कांग्रेस ने कमलनाथ के करीबी लोगों से संबंधित आयकर विभाग की मुहिम को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने यहां जारी बयान में कहा, ‘जिस तरह आयकर विभाग ने आज छापे मारे, उससे स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार लोकसभा चुनावों की आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद इस महकमे के अफसरों को कठपुतली की तरह कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है।’
बता दें कि लोकसभा चुनावों की घोषणा होने से ठीक पहले ही कक्कड़ और मिगलानी ने अपने उक्त पदों से इस्तीफा दे दिया था। कक्कड़ के इंदौर, भोपाल स्थित आवास पर छापेमारी की गई है। कक्कड़ का परिवार हॉस्पिटैलिटी समेत विभिन्न क्षेत्रों के कारोबार से जुड़ा है। वहीं, नई दिल्ली (ग्रीन पार्क) में मिगलानी के आवास पर आईटी की टीम तड़के 3 बजे ही पहुंच गई थी।
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