साभार/ बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस के दो विधायकों के बीच झड़प के आरोप लग रहे हैं। जहां एक ओर कांग्रेस ने ऐसे किसी भी विवाद से इनकार किया है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि अपोलो अस्पताल में भर्ती विधायक आनंद सिंह के बारे में सच्चाई सामने आनी चाहिए।
बता दें कि कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह और जेएन गणेश के बीच रिजॉर्ट के अंदर हाथापाई की अटकलें हैं। पार्टी के संकटमोचक और कैबिनेट मंत्री डीके शिवकुमार भी इस मसले पर सफाई दे चुके हैं।
कांग्रेस नेता डीके सुरेश ने विधायकों के बीच झगड़े के आरोपों पर कहा, ‘मुझे आनंद सिंह और जेएन गणेश के बीच झड़प के बारे में जानकारी नहीं है। सीने में दर्द की वजह से आनंद सिंह अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें कोई चोट नहीं लगी है। उनके माता-पिता अस्पताल में मौजूद हैं। बाकी सभी बातें अफवाह हैं।’
बीजेपी विधायक आर अशोक ने कांग्रेस नेताओं पर इस मसले को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘डीके शिवकुमार और डीके सुरेश झूठ बोलकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों को बाहर आकर यह सफाई देनी चाहिए कि आनंद सिंह को चेस्ट पेन की वजह से ऐ़डमिट किया गया है या फिर कोई और बात है। पुलिस को संज्ञान लेते हुए केस दर्ज करके जांच करनी चाहिए।’
इससे पहले कांग्रेस विधायकों के कथित विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, ‘उनके बीच कोई झगड़ा नहीं है। आप सभी को बैठक में एक साथ आते और बाहर जाते देखेंगे। यह एक फर्जी खबर है। पूरी कांग्रेस पार्टी एकजुट है। मुझे यकीन है कि जिन्होंने विधायक दल की बैठक में हिस्सा नहीं लिया है वे भी हमारे साथ आएंगे।’
इस बीच बीजेपी के विधायक गुरुग्राम से लौट आए हैं। पिछले कुछ दिनों से बीजेपी यहां के एक निजी रिजॉर्ट में ठहरे हुए थे। बीजेपी नेता लहर सिंह ने बताया कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने सभी 104 पार्टी विधायकों को वापस आने को कहा था जिसके बाद शनिवार देर रात वे विमान से राज्य के लिए रवाना हो गए।
उन्होंने कहा, ‘इनमें से कुछ ने सीधे अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उड़ान भरी जबकि पूर्व उप मुख्यमंत्री आर अशोक और के एस ईश्वरम सहित अन्य बेंगलुरु लौटे।’ येदियुरप्पा ने कहा था कि बीजेपी कर्नाटक के सत्तारूढ़ गठबंधन को अस्थिर नहीं करेगी। शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में चार विधायकों के शामिल नहीं होने से गठबंधन में उपजे दरार के बाद येदियुरप्पा ने कहा, ‘कांग्रेस-जेडीएस के नेताओं को इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।’
गठबंधन में दरार उजागर होते ही कांग्रेस ने विधायकों को अपने पाले में मिलाने की बीजेपी की कथित मुहिम से बचाने के लिए शुक्रवार को उन्हें तुरंत रिजॉर्ट भेज दिया। पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने शुक्रवार को बताया था कि सत्तारूढ़ गठबंधन के कम से कम आठ विधायक बीजेपी के संपर्क में थे।
बीजेपी ने भी यह घोषणा की कि येदियुरप्पा के नेतृत्व में सात सदस्यीय दल सोमवार से सूखा प्रभावित जिलों का दौरा करेगा। बहरहाल कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने बीजेपी विधायकों को वापस बुलाने के येदियुरप्पा के फैसले का स्वागत किया और राज्य की गठबंधन सरकार को अस्थिर नहीं करने के अपने बयान पर अमल करने की सलाह दी।
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