एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। मन में जब जन सेवा का जज्बा हो तो कोई प्रलोभन मायने नहीं रखता और इंसान सबकुछ छोड़कर केवल सेवाकार्य में लग जाता है। कुछ ऐसा हीं जज्बात से लबरेज हैं खैराचातर से महज तीन किलोमीटर दूर एक छोटी सी मंदिर के समीप कुटिया रुपी मकान में लोगों का जड़ी बूटियों से इलाज कर रहे ग्रामीण वैद्य नागेश्वर महतो।
बोकारो (Bokaro) जिला के हद में जिला मुख्यालय से लगभग चालीस किमी दूर कसमार प्रखंड के खैराचातर से तीन किलोमीटर दूर खुदिबेड़ा में एकांत स्थल पर जड़ी बूटियों से लोगों का इलाज कर रहे अड़तालीस वर्षीय नागेश्वर महतो के अनुसार वे इससे पूर्व जमशेदपुर के विश्टुपूर के एक सरकारी विद्यालय में बतौर पारा शिक्षक सेवारत थे।
लगभग दस सात पूर्व उन्होंने उक्त नौकरी छोड़ वैद्यक कार्य को अपनाकर लोगों की सेवा करना प्रारंभ किया। तब से आजतक वे जड़ी बूटी की मदद से बिमारग्रस्त लोगों को ठीक करने में लगे हैं। वैद्य महतो के अनुसार पीढ़ी दर पीढ़ी यह पेशा उनके परिवार द्वारा चला आ रहा है। उनके चचेरे दादा स्व सोलखू महतो के पिता स्व नान्हू महतो भी जड़ी-बूटी से इलाज कर रहे थे। उन्होंने चचेरे दादा सोलखू महतो से सीखा है।
वैद्य महतो ने बताया कि जड़ी-बूटी यथा अलोबेरा, गिलोई, बाबू आदा, राम बाण, बैगन जड़ी, हररे, बहेरा, आवलाँ, अमलतास (धान बेहरा), सताबर, पाताल कोहरा, कटकूरण, हल्दी, अएंठा (बांवा एवं दाहिना), प्रेमजोड़ी, हाथाजोड़ी, वनसुस्ती छाल, गुही गान्धारी, रससिंदूर, रसमानिक, रसजन, रसकपुर, लौंग, इलायची (बड़ी एवं छोटी), सौरू जीरा (सहजीरा), मेथी, आजवाइन, कारी जीरा, परास फूल (लाल एवं सादा), कमल फूल (लाल एवं सादा), सालूक फूल (लाल एवं सादा), टांड़ कमल, टांड़ आंवला, भूमि आंवला, अकड़काढ़ा, सिरका, नागफनी आदि से कई प्रकार के असाध्य रोगों का ईलाज किया जाता है।
वैद्य महतो के अनुसार उनके द्वारा अब तक दर्जनों असाध्य रोगियों का ईलाज किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से सफेद दाग, अस्थमा (टीबी), प्रदर रोग, ल्युकोरिया, कान पकना, बहरापन, पेट दर्द, गठिया, बातरोग, बाल झड़ना (गंजापन) आदि बीमारी शामिल है। वैद्यराज महतो ने बताया कि उनके यहां से अबतक पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के हद में युदम निवासी सफेद रोगग्रस्त माली महतो तथा आशालता देवी, बोकारो जिला के हद में हिसिम निवासी कजरु महतो, देसुअल निवासी सरकार मरांडी, भुरसाटांड़ निवासी बिगन भोक्ता सहित दर्जनों विभिन्न रोगग्रस्त अपना इलाज उनसे कराकर ठीक हो चुके हैं, जबकि पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर निवासी एग्जीमा रोगग्रस्त फलाली महतो, बोकारो जिला के हद में मंजुरा निवासी प्रवीण कुमार महतो इलाजरत हैं।
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