प्रहरी संवाददाता/ बोकारो। केंद्र सरकार द्वारा लागू किये जा रहे कोयला मजदूर विरोधी नीति कामर्शियल माइनिंग के खिलाफ 10 व 11 जून को होने वाले आंदोलन को लेकर 9 जून को सीसीएल कथारा क्षेत्र के जारंगडीह खुली खदान में संयुक्त मोर्चा द्वारा मीटिंग का आयोजन किया गया। मीटिंग में सीटू, एटक, इंटक, बीएमएस व एचएमएस के प्रतिनिधि शामिल थे। यहां नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों से पूरे कोयला जगत के मजदूरों के समक्ष समस्या उत्पन हो गई है।
केंद्र सरकार मजदूरों के हकों को मारकर सिर्फ बड़े बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की साजिश कर रही है जो किसी भी सूरत में नही चलने दिया जाएगा। केंद्र सरकार के इशारों पर कठपुतली बनी कोल इंडिया को भी सबक लेना होगा कि मजदूरों के हक से खिलवाड़ करना क्या होता है। आठ घंटा के स्थान पर बारह घंटा कार्य लेने का निर्णय को वापस लेना होगा। कामर्शियल माइनिंग को वापस लेना होगा। वक्ताओं ने कहा कि इस विकट परिस्थिति में कोयला मजदूरों को एक साथ विरोध का स्वर उठाना होगा अन्यथा केंद्र सरकार अपनी नीति को लागू कर देगी।
वक्ताओं ने कहा कि इन सवालों को लेकर 10 जून को कोल इंडिया के तमाम महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना आहूत की गई है। इसे सफल किया जाय ताकि कोल इंडिया व केंद्र सरकार अपनी मजदूर विरोधी नीति को लागू नही कर सके। मौके पर श्यामबिहारी सिंह दिनकर, दिलीप कुमार, आर. इग्नेश,राजकुमार मंडल, कामोद प्रसाद, मो शकील आलम, बिनोद कुमार ओझा, मो. निजाम, ललेंद्र ओझा, कमलेश कुमार गुप्ता, रामेश्वर कुमार मंडल, मनोज कुमार सिंह, अरविंद कुमार ओझा, संजय राम, नरेश राम नंदकिशोर पंडित आदि उपस्थित थे।
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