रांची। देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सहित 16 दोषियों के सजा के बिंदु पर चार जनवरी को सुनवाई करेगी। इस मामले में आज सुनवाई होनी थी, मगर एक अधिवक्ता के निधन के कारण सुनवाई टल गई। कड़ी सुरक्षा के बीच लालू प्रसाद यादव, जगदीश शर्मा और डॉ. आरके राणा सहित अन्य आरोपी कोर्ट पहुंचे थे। लालू समर्थकों की भीड़ लगी थी।
अदालत के फैसले पर अनर्गल बयानबाजी को लेकर सीबीआइ कोर्ट ने राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और शिवानंद तिवारी के खिलाफ के कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि मीडिया में टर टर करने की आदत बन गई है। नेताओं ने मीडिया में बयान और सोशल मीडिया में की थी टिप्प्णी। वहीं अदालत ने देवघर के तत्कालीन डीसी सुखदेव सिंह और सीबीआइ के दो सरकारी गवाह शिवकुमार पटवारी और सैलेश प्रसाद के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद सहित अन्य अभियुक्तों को 23 दिसंबर, 2017 को दोषी ठहराते हुए सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की थी। लालू फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में बंद हैं। यह मामला अविभाजित बिहार के देवघर कोषागार से 89.4 लाख रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है।
अभियुक्तों में लालू सहित चार राजनीतिक नेता, पशुपालन विभाग के पांच अधिकारी और आठ आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। अवैध निकासी पशु चारा, दवा व पशुपालन से जुड़े उपकरण की खरीद और विभिन्न पशुपालन केंद्रों में उसकी आपूर्ति और अन्य मदों में की गई थी। सीबीआइ की जांच में ये सभी व्यय फर्जी पाए गए थे। चारा घोटाले के दो मामलों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी करते हुए न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। इसके लिए उनके अधिवक्ता प्रभात कुमार ने अदालत में आवेदन दाखिल किया था।
अधिवक्ता ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद, दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह और डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में आवेदन दाखिल कर लालू को न्यायिक हिरासत में लेने की मांग की थी।
चाईबासा और दुमका मामले में सीबीआइ की अलग-अलग दो विशेष अदालतों ने प्रोडक्शन वारंट जारी करते हुए लालू को चार जनवरी, 2018 को उपस्थित होने का आदेश दिया है। इसके अलावा डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में दाखिल आवेदन पर सुनवाई लंबित है। मामले में अगली सुनवाई की तिथि पांच जनवरी निर्धारित है। अगर लालू प्रसाद को अन्य मामलों में भी न्यायिक हिरासत में लिया जाता है और इन मामलों में भी उन्हें सजा होती है तो जेल में रहने की अवधि को बाद में मिलने वाली सजा में कम कर दिया जाएगा।
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