प्रवासी मजदूरों का दुःख दर्द कोई सरकार नहीं समझती

फिरोज आलम/ जैनामोड़ (बोकारो)। तीन जून को प्रवासी मजदूर का एक जत्था आसनसोल से पैदल चलकर अपने गांव छत्तीसगढ़ की ओर जा रहे थे। बोकारो सेक्टर 5 डाक एवं तार कॉलोनी के पास हटिया के समीप पहुंचे। लगभग 200 किलोमीटर से अधिक चल चुके अप्रवासी मजदूरों का थक के बुरा हाल हो चुका था। भूख प्यास भी अपने चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह को दिया। सांसद सिंह ने तत्काल अपने प्रतिनिधि अशोक कुमार वर्मा को मौके पर पहुंचने एवं प्रवासी मजदूरों को हर संभव मदद देने को कहा।

मौके पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता पहुंचे एवं सभी प्रवासी मजदूरों के शुद्ध भोजन, पीने का पानी की व्यवस्था कराई। तत्पश्चात बोकारो जिला प्रशासन से संपर्क स्थापित कर इन सभी मजदूरों को भेजने की व्यवस्था कराने को कहा गया। बोकारो जिला प्रशासन भी त्वरित कार्रवाई करते हुए चास बीडीओ को तत्काल मौके पर भेजा। एवं उन सभी प्रवासी मजदूरों को जरूरी स्वास्थ्य जांच करने के उपरांत बस से खाने के पैकेट, सैनिटाइजर एवं मास्क देकर रेल मार्ग के रास्ते उनके गंतव्य स्थान को भेज दिया। यहां मुख्य रूप से राकेश कुमार मधु, इंदु शेखर मिश्रा, नीरज कुमार, प्रिंस गौतम, निखिल, आनन्द, अमरजीत, अम्रेन्द्र, बिट्टू, रंजीत, संतोष आदि का अहम योगदान रहा।

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