झारखंड से निकले सायकल सवार पहुंचे मुंबई

नेहरूनगर पुलिस ने किया भव्य स्वागत

मुश्ताक खान/ मुंबई। भारत दर्शन के लिए झारखंड के रांची से सायकल चलाते हुए मुंबई पहुंचे दो युवा अधिवक्ताओं का नेहरूनगर पुलिस ने भव्य स्वागत किया। करीब 82 दिनों में 4,600 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने वाले एड् कुनाल पटेल और एड् योगेंद्र यादव का स्वागत एसीपी पी टी चव्हाण और सीनियर इंस्पेक्टर संजय काले ने पुष्पगुच्छ देकर काफी गर्मजोशी से किया। इस अवसर पर कई समाजसेवक व स्थानीय गणमान्य मौजूद थे। भारत दर्शन पर निकले दोनों युवा अधिवक्ताओं का लक्ष्य महज देश की भौगोलिक एवं ऐतिहासिक तथ्यों को करीब से जानना है। सायकल यात्रा पर निकले दोनों धावकों से संवाददाता की विशेष बातचीत के अंश।

झारखंड हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले दो युवा अधिवक्ताओं ने देश की भौगोलिक एवं इतिहास को करीब से समझने के लिए भारत दर्शन की शुरूआत 21 मार्च 2018 को करीब 10 बजे दिन में रांची के लालपुर चौक स्थित पटेल भवन से की। रांची से शुरू हुए सायकल यात्रा बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात होते हुए महाराष्ट्र पहुंची है। एड् कुनाल पटेल झारखंड में रांची शहर के रहने वाले हैं। वहीं एड् योगेंद्र यादव चतरा जिला के पितिज के निवासी हैं। दोनों धावक 82 दिनों में आठ राज्यों के करीब 4600 किलोमीटर की यात्रा कर मुंबई पहुंचे हैं, इन दोनों का आगे भी सफर जारी रहेगा।

मुंबई पहुंचे युवा धावकों की कुर्ला पूर्व स्थित नेहरूनगर पुलिस स्टेशन में एसीपी पी टी चव्हाण और सीनियर इंस्पेक्टर संजय काले ने पुष्पगुच्छ देकर गर्मजोशी से किया। आंधी -पानी का सीना चीरकर सायकल से यात्रा करने वाले दोनों धावकों की हर तरफ सराहना हो रही है। एक सवाल के जवाब में एड् यादव ने बताया की हम लोगों ने अब तक जिन राज्यों का दौरा किया है, हर जगह हमें लोगों का आशीर्वाद और सहयोग मिल रहा है। इतना गुजरात और राजस्थान में कई गैर सरकारी संस्थाओं ने हमें कफी सहयोग किया। उन संस्थाओं द्वारा अब भी फोन के जरीये हमारी बातें होती रहती है।

उन्होंने कही की उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हमारी सायकल खराब हो गई था। इसके अलावा पंचर आदि बनाने का सारा सामान हमारे पास है। इसलिए हमें परेशानियों का सामाना नहीं करना पड़ता है। वहीं एड् पटेल ने बताया की प्रतिदिन कम से कम हम लोग 120 से 140 किलोमीटर सायकल चलाते हैं। हमारी सायकल यात्रा सुबह करीब 6 बजे शुरू होती है, जो अंधेरा होने तक जारी रहता है। एक अन्य सवाल के जवाब में एड् पटेल ने कहा की रात के समय हम लोग किसी आश्रम, मंदिर, मस्जिद या पुलिस स्टेशनों में रूकने का प्रयास करते हैं। ताकि सुरक्षित रह कर आराम किया जा सके।

इन धावकों ने अपने महाराष्ट्र के अनुभव को भी साझा किया। धावकों का कहना है कि महाराष्ट्र के लोगों ने हमें बेहद मान सम्मान के साथ अपने शहरों से विदा किया। इनका कहना है कि अब तक 8 राज्यों के करीब 9 सौ शहरों का अनुभव हमें मिला है। इनमें महाराष्ट्र के अधिकांश शहरों में लोगों ने हमें अपने निवासों पर बुलाकर सत्कार किया। एक सवाल के जवाब में धावकों ने कहा कि मुंबई के बाद हमारा लक्ष्य गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडू, केरला, आंध्रा प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ है।

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