एस.पी.सक्सेना/ रांची (झारखंड)। झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची में वैश्विक नोबेल कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ लाॅकडाउन की खुलेआम धज्जियां उड़ती दिखाई देती है। ऐसे में राजधानीवासियों के लिए स्वयं का जान को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। जबकि रांची जिला में कोरोनावायरस से अब तक 25 से अधिक रोगियों की पहचान होने के कारण इस जिला को रेड जोन घोषित किया गया है।
जानकारी के अनुसार रांची जिला प्रशासन की शिथिलता के कारण लाॅकडाउन की खुलेआम धज्जियां उड़ती दिखाई देती है। शायद ही किसी मोड़ अथवा चौक चौराहों पर कोई पुलिस वाला ड्यूटी पर तैनात दिखाई देता है।
बताया जाता है की 21 अप्रैल को दिन के ग्यारह बजे से शाम चार बजे तक रांची डाल्टेनगंज मार्ग पर रातु चौक सहित ओरमांझी, इरवा आदि चौक पर पुलिस कर्मियों की उपस्थिति नगण्य रहने का भरपूर लाभ स्थानिय दुकानदारों ने उठाया। वह भी खासकर रातु चौक पर स्थित वजन घर, वेल्डिंग दुकान आदि संचालकों ने। और तो और इस मार्ग पर स्थित कुछ होटल संचालक ने भी अपने होटल को आधा खोलकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते देखे गए।
आश्चर्य की बात है की रांची जिला में अब तक 25 से अधिक कोरोना संक्रमित मामले के उजागर होने के बाद भी शासन को इसके फैलाव की कोई चिंता शायद नहीं है, अन्यथा ऐसी स्थिति नहीं देता। इस बावत मानवाधिकार संगठन के जिलाध्यक्ष बिट्टू सिंह ने कहा कि सरकारी स्तर पर इस महामारी नोबेल कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए जिस स्तर से प्रयास किया जाना चाहिए वह खासकर रांची जिला में कहीं भी देखने को नहीं देखा जा रहा है। जो काफी चिंतनीय विषय है।
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