विजय कुमार साव/ गोमियां (बोकारो)। किसानों को समय समय पर कृषि सबंधित जानकारी एवं उनके सुविधा अनुसार प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से गोमियां प्रखंड के साड़म पश्चिमी पंचायत में विधायक मद से वर्ष 2004-05 में 5,41,500 रुपये की लागत से किसान भवन बना था। विडंबना यह कि आज तक इस भवन में न तो किसानों को कृषि संबधित जानकारी दी गई है,और न ही किसानों को यहां किसी तरह का कोई प्रशिक्षण दिया गया। और तो और इस किसान भवन में किसानों को लेकर कोई बैठक भी आज तक नहीं हुई है।
फलस्वरूप यह भवन किसानों के बिना सूना हो गया है। इस भवन का नाम तो दे दिया गया किसान भवन, परन्तु इस भवन का उपयोग यहां के किसान आजतक नही कर पाएं हैं। जिसके कारण यह सूना सूना रहने वाला किसान भवन बीच -बीच में भिखारियों का पनाहगाह बन कर रह गया है।
स्थानीय दर्जन भर रहिवसियों तथा समाजसेवियों ने उक्त किसान भवन पर कन्या उच्च विद्यालय खोलने का प्रयास भी किया था। परन्तु इस भवन पर कन्या उच्च विद्यालय खोलने के लिए तकनीकी गड़बड़ियां आड़े आ गई। जिससे किसान भवन पर कन्या उच्च विद्यालय तो नही खुला, लेकिन इस भवन के समीप दो कमरे का एक और नया भवन बना दिया गया। यहां भी सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया है। उचित रखरखाव एवं देखभाल के अभाव में यह भवन कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो चुका है। जिससे यह भवन कभी भी धराशायी हो सकता है।
इस बावत होसिर पंचायत के पूर्व मुखिया घनश्याम राम ने बताया कि साड़म में किसानों की सुविधा को लेकर दशक पूर्व भवन बनाया गया, परन्तु किसानों को इस भवन से आजतक कोई सुविधा नही मिल पाया है।
पूर्व मुखिया ने कहा कि यह भवन बनने से सीधा फायदा संवेदक को हुआ है न कि यहां के किसानों को। आखिर सरकार इतनी उदासीन क्यों है? सरकारी पैसे से भवन तो बन जाता है, परन्तु इसका उपयोग ग्रामीण नही कर पाते हैं। कहा कि सरकारी पैसे का दुरुपयोग बंद होने चाहिए, नही तो एक दिन ऐसा आएगा कि भवन सहित विभिन्न योजना को बनाने में सरकारी खजाना खाली होता जायेगा। इस संबंध में 17 जून को गोमियां के प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी के मोबाइल क्रमांक 9798140530 पर कॉल कर जानकारी लेना चाहा मगर उनके द्वारा काल रिसिव नहीं किया गया। वहीं बीटीएम ने मोबाइल क्रमांक 8709109381 पर स्थिति पूछे जाने पर यह बोलकर फोन काल काट कर दिए कि इस संबंध में उन्हें जानकारी नही है।
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