प्रहरी संवाददाता/ गोमियां (बोकारो)। गोमियां (Gomia) प्रखंड के हद में पड़ने वाले तमाम क्षेत्रों में झारखंड का प्राकृतिक पर्व एवं बहनों का अपने भाइयों के प्रति अटूट स्नेह का त्योहार करमा पर्व मनाया जा रहा है। इस पर्व को लेकर रहिवासी युवतियां एवं किशोरियां काफी उत्साहित है।
प्रकृति का पर्व कर्मा गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) से प्रारंभ होकर भादो एकादशी की रात कर्म डाली की पूजा अर्चना के साथ समाप्त होती है। इस अवसर पर नव विवाहित युवतियां इस पर्व को मनाने के लिए अपने ससुराल से मायके आती है और कर्मा एकादशी को निर्जला उपवास कर कर्म डाली की पूजा कर अपने कर्म और भाई के धर्म के प्रति अटूट विश्वास स्नेह रखते हुए भाई की दीर्घायु सुख समृद्धि की कामना करती है।
इस त्यौहार को मनाने के लिए किशोरियां एक जगह एकत्रित होकर आसपास के तलाब, पोखर, नदी में स्नान कर बांस से बनी नवनिर्मित जावा डालिया जिसमें चना, धान, जौ, गेहूं, कुरथी आदि नौ प्रकार के बीज बोकर कर्म देव का आवाह्न करती है और वहां से माथे पर लाकर देवी देवता स्थल के समीप रखकर लोक गीत गाती है। उसके बाद नौ दिनों तक तो कहीं सात दिन तक सुबह-शाम जावा को जगाती है। नाचती गाती है और नियमों का पालन कर इस त्यौहार को मनाती है। अंत में इस डाल को पूरे धार्मिक रीति रिवाज से नदी पोखर में सृजित कर सभी की मंगल कामना करती है।
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