अधिकारियों की मिली भगत या रसूख!
एस. पी. सक्सेना/ बोकारो। सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के कथारा क्षेत्र में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बन रहे आलिशान चार पहिया वाहनों का शोरूम इन दिनों चर्चाओं में है। इस शोरूम के बनने के पीछे सीसीएल के अधिकारियो की मौन स्वीकृति है या राजनीतिक रसूख? सरकारी भूमि पर बिना स्वीकृति के अवैध निर्माण के पीछे का राज क्या है? यह कथारा की जनता के समझ से परे है।
खबर के अनुसार सीसीएल के क्षेत्रीय मुख्यालय (कथारा) से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर कथारा-फुसरो जैसे व्यस्ततम मार्ग पर गंगोत्री कॉलोनी एवं डीएवी स्कूल जूनियर विंग के बीच में सड़क के किनारे स्थानीय एक धन कुबेर द्वारा आलिशान शोरूम बनवाया जा रहा है। इसका काम कराने वाले कर्मचारियों ने बताया कि यह चार पहिया वाहन का शोरूम होगा।
इस बाबत सीसीएल कथारा क्षेत्रीय मुख्यालय के भू-संपदा प्रबंधक मिथिलेश प्रसाद से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि उक्त निर्माण के विरुद्ध उनके द्वारा पत्राचार किया गया है। तथा बेरमो के अंचलाधिकारी से भी हस्तक्षेप का आग्रह किया गया है। बावजूद इसके संबंधित भवन निर्माण करने वाला द्वारा आज तक न कोई पुख्ता प्रपत्र कार्यालय को सौंपा गया है और न ही निर्माण कार्य रोका गया है।
प्रसाद के अनुसार उक्त व्यक्ति केवल दबंगई के बल पर निर्माण करा रहा है। जबकि उक्त भूमि सीसीएल द्वारा अधिग्रहित है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या सीसीएल प्रबंधन अथवा राज्य शासन वैसे लोगों पर ही कार्रवाई करती है जो छोटे झोपड़े अथवा चाय पान की रेहड़ी लगाकर अपनी जीविका चलाते हैं। दबंगो के सामने तो प्रबंधन व शासन पूरी तरह नतमस्तक दिख रहा है।
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