तेनुघाट (बोकारो)। तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय गुलाम हैदर ने दहेज हत्या के मामले में कसमार थाना अंतर्गत बगियारी निवासी निरंजन गोसाई को सिद्ध दोषी पाने के बाद दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। मालूम हो कि उक्त वाद के सूचक बिनीता देवी ने कसमार पुलिस को बताया कि उसकी पुत्री सोनी देवी की 20 जून 2010 को शादी हुई थी।
शादी के कुछ दिनों के बाद से ही उसके ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। कई बार उन लोगों को समझाने की कोशिश भी की, मगर बात नहीं बनी। फोन से पता चला कि मेरी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। मगर वहां जाकर देखा तो पाया कि मेरी बेटी ने आत्महत्या नहीं किया है, उसे मारकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है। हमे यकीन है कि मेरी बेटी को उसके पति निरंजन गोसाई, ससुर तिलकेश्वर गोसाई, सास सुशीला देवी, भैसुर जीवन गोसाई एवं गोतनी सोनी देवी ने मारा है। उक्त ब्यान के आधार पर कसमार थाना कांड संख्या 48/11 दर्ज किया गया।
आरोप पत्र समर्पित होने के बाद सत्रवाद संख्या 129/12 स्थान्तरित होकर हैदर के न्यायालय में आया। न्यायालय में गवाहों के ब्यान और दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं की बहस के बाद मृतका के पति निरंजन गोसाई को दहेज हत्या के मामले में सिद्ध दोषी पाने के बाद अपराध की धारा 304 ‘B’ में दस साल की सश्रम कारावास, धारा 498 ‘A’ में तीन साल सश्रम कारावास की सजा एवं पांच हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर छह महीने की आळ्तरिवत कारावास एवं 4 डीपी एक्ट में दो साल की सश्रम कारावास एवं चार हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर पांच महीने की अतिरिक्त कारावास सभी सजा साथ साथ चलेगी।
अभियुक्त को सजा सुनाने के बाद तेनुघाट जेल भेज दिया गया। गवाह के अभाव में तिलकेश्वर गोसाई, सुशीला देवी, जीवन गोसाई एवं सोनी देवी को पूर्व में रिहा किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक संजय कुमार सिंह ने बहस किया।
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