पानी में डूबी खदानें
बेरमो। लगातार हो रही भारी बारिश से बेरमो कोयलांचल में सीसीएल के तीन कोयला प्रक्षेत्रों को करोड़ों की चपत लगी है। बीते छह दिनों से इलाके में 250 मिमी से अधिक बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण सीसीएल की दर्जनाधिक परियोजनाएं ठप्प पड़ी हैं। आंकड़ों के मुताबिक परियोजनाओं में बीते एक सप्ताह से कोयले का उत्पादन ठप्प है।
अंदाजा लगाया जा रहा है की भारी बारिश के कारन सीसीएल को कोई 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। सामान्य परिस्थिति में यहां के ढोरी, बीएंडके और कथारा प्रक्षेत्र में औसतन 25 से 35 हजार टन कोयले का उत्पादन होता है। प्रक्षेत्रों का सालाना उत्पादन लक्ष्य 35 से 50 हजार एमटी के बीच रहता है।
कोयला उद्योग के लिए विपरित परिस्थितियों में उत्पादन करना कोई नई चीज नहीं है। प्रतिकूल मौसम में कामगार खदानों में जुटे रहते हैं। लेकिन इस बार बेरमो में भारी बरसात और दामोदर नदी के कहर ने परियोजनाओं के उत्पादन लक्ष्य को प्रभावित कर दिया है। अधिकांश खदानें पानी में डूबी हुई है। पानी निकालने के लिए खदानों में एक साथ कई मोटर लगाए गए हैं लेकिन आसपास के क्षेत्रों में जलजमाव के कारण भूमिगत जल भी तेजी से खदानों में प्रवेश कर रहा है।
इसके अलावा ढोरी प्रक्षेत्र की तारमी, कल्याणी, अमलो, ढोरी इस्ट और इंकलाइन ढोरी खास सहित तारमी आउटसोर्सिंग खदान बारिश से प्रभावित है। इसी तरह बीएंडके प्रक्षेत्र की कोनार, खासमहल, बोकारो, कारो, करगली, बनियाडीह (गिरिडीह), बेरमो सीम इंकलाइन और करगली वाशरी परियोजना भी पानी में डूबी है। वहीं कथारा प्रक्षेत्र कीजारंगडीह, कथारा, स्वांग, गोविंदपुर और कथारा वाशरी परियोजना भी पानी की चपेट में है।
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