संवाददाता/ बोकारो (तेनुघाट)। साड़म में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid-Milad-Un-Nabi) धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर आशिक ए रसूल के दिवानों ने पड़े पैमाने पर जुलूस निकाली, जो पलानी टोला से दलाल टोला, लाल बांध होते हुए साड़म के होसिर पहुंची। मिली जानकारी के अनुसार बोकारो जिला के साड़म स्थित होसिर में मौलाना ने अपने ब्यान में बताया की पैगंबर मोहम्मद (स.अ) की पैदाइश के दिन ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाया जाता है।
उनकी पैदाईश इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे माह, यानी रबी-अल-अव्वल के 12वें दिन मक्का में हुआ। हजरत मोहम्मद (स.अ) इस्लाम के आखिरी पैगंबर थे। उनका पूरा नाम मोहम्मद इबन अब्दुल मुत्तलिब था। उनके वालिद का नाम अब्दुल्लाह और वालिदा का नाम बीबी आमिना था। तकरीर में उन्होंने कहा की इस्लाम की जानिब से 610 हिजरी में मक्का के पास गारे हीरा नाम की एक गुफा में उनकी तालिम हुई थी।
आज के दिन इस्लाम के मानने वाले दरगाह या मक्का-मदीना जाकर इबादत करते हैं। ईद-मिलाद-उन-नबी को हजरत मोहम्मद (स. अ) की आमद (पैदाईश) की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन नमाज, दुआ के साथ जुलूस भी निकाली जाती है। इस मौके पर मोहम्मद साबिर, लाल मोहम्मद, मोहम्मद यूनुस, मोहम्मद निषाद सहित हजारों की संख्या में बच्चे, बुढ़े और जवान शामिल थे। ईद-ए-मिलाद के कारवां में जयप्रकाश तिवारी एवं अन्य भी जुलूस में शामिल हुए। जयप्रकाश तिवारी ने जुलूस में शामिल लोगों को खीर और पानी की व्यवस्था की।
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