संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा की सभा में केंद्र सरकार को चेतावनी
एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। मजदूर हित में कोलियरियों का राष्ट्रीयकरण कांग्रेस नेत्री व तत्कालीन देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष 1969 में किया था। इसमें तत्कालीन मजदूर नेता मजदूर मसीहा स्व. विन्देश्वरी दुबे ने अहम भूमिका निभाई थी। ससंद में प्रस्ताव का समर्थन पक्ष विपक्ष सभी ने किया था। वर्तमान समय मे केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह मजदूर विरोधी है।
केंद्र की मोदी सरकार कोयला खदानों को पूंजीपतियों के हाथों में कोयला खदानों को बेचने पर आमादा है। जिसे किसी हाल में सफल होने नहीं दिया जाएगा। उक्त बातें सीसीएल कथारा क्षेत्र के नव निर्वाचित राष्टीय कोलियरी मजदूर संघ (ददई) गुट के क्षेत्रीय सचिव वरूण कुमार सिंह ने 20 जून को रिक्रिएशन क्लब कथारा में आयोजित संयुक्त मोर्चा द्वारा आयोजित सभा में कही।
उन्होंने कहा कि कमर्शियल माइनिंग के विरोध में संयुक्त मोर्चा द्वारा आहूत दो से चार जुलाई के तीन दिवसीय हड़ताल को पूरी तरह सफल किया जाएगा। यहां के सभी कोयला मजदूर हड़ताल में उनके साथ हैं। सीटू से संबद्ध एनसीओइए के वरीय नेता श्याम बिहारी सिंह दिनकर ने आह्वान किया कि हड़ताल में मजदूर बड़ी संख्या में हिस्सा लें। यह हड़ताल कोयला मज़दूरों के भविष्य की दशा दिशा तय करेगा।सभा को सीटू के पीके विश्वास, राष्टीय कोलियरी मजदूर संघ(राजेंद्र गुट) के क्षेत्रीय अध्यक्ष अंजनी त्रिपाठी, बीएमएस के शकिल आलम, यूसीडबलूयू के बी के झा केे अलावा मजदूर नेता अनुप कुमार स्वाइं, वकील अंसारी सहित विभिन्न ट्रेड युनियन नेताओं ने संबोधित किया ।
312 total views, 1 views today