रांची। हाल के दिनों में अपराध चरम सीमा पर है। राजधानी रांची दुष्कर्म और अपहरण के मामले में सभी जिलों से टॉप पर है, जबकि हत्या के मामलों में जमशेदपुर सबसे आगे है। शर्मनाक यह कि सरकार अपराध रोकने में पूरी तरफ विफल हो रही है।
पुलिस-प्रशासन के भारी अमले, सीसीटीवी, हाईटेक व्यवस्था के बावजूद रांची में लूट, चोरी और अपहरण के मामले काम नहीं हो रहे हैं। सरकार ने रांची में महिलाओं के लिए सुरक्षा को लेकर जो दावे किये हैं, उन दावों की पोल मई में अपराध के आंकड़े ने खोल दी है। इतना ही नहीं अप्रैल में महिलाओं से 12 दुष्कर्म के मुकाबले 24 मामले दर्ज किया गया।
वहीं, मुख्यमंत्री रघुबर दस के गृह जिले जमशेदपुर में सर्वाधिक हत्याएं चिंता का कारण बनी हुई है। बढ़े अपराध की घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री रघुवर दास विधि व्यवस्था और अपराध को लेकर प्रोजेक्ट भवन में पुलिस अफसरों की क्लास लेंगे।
इसमें मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी के अलावा अन्य अफसर मौजूद रहेंगे। चोरी, हत्या, दुष्कर्म, लूट और अपहरण के मामलों से इतर अपराध के कई ऐसे मामले भी हैं जो सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं। रोज-ब-रोज राजधानी रांची में छिनतई की घटना से आम और खास सब खौफजदा हैं।
वहीं मवेशी तस्करी और गोकशी के मामले विधि व्यवस्था के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं। सरायकेला, जमशेदपुर, गिरिडीह, रांची और रामगढ़ जैसे जिलों में भीड़ की आड़ में लोगों की हत्या पुलिस की चौकसी पर सवाल खड़े करती है। इन सबके बीच स्थानीय पुलिस और खुफिया द्वारा एक-दूसरे पर सवाल खड़े करना भी दर्शाता है कि सबकुछ ठीक नहीं है।
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