एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। कल की आँधी बड़ी जबरदस्त थी। बड़े-बड़े पेड़ धराशायी हो रहे थे। मैं अपनी झोपड़ियां के उपर चढ़कर बैठ गया कि कहीं उड़ न जाये। आँधी से मैं अपनी टपरिया सहित उड़ गया और ऐसा उड़ा कि उड़कर पाकिस्तान आ गया। यहाँ के लोग मुझे पकड़ लिये हैं। बोले बिरियानी खाकर जाना होगा भाई जान। हम पूछे कि वही पकवान न जो मोदीजी खाये थे नवाज शरिफ साहब के घर बड्डेपार्टी में। पाकिस्तानी बोले कि भाईजान वो सियासी बिरियानी थी। उसमें वो लज्जत कहाँ जो हमारी मुहब्बत वाली बिरियानी में मिलेगी। खाकर तो देखो।
फिर प्रेम से पकड़कर दस्तरख्वान पर ले गये। घर जाने की गरज में मैं खा लिया। लेकिन ये लोग अपनी ज़ुबान से पलट गये हैं। अब कह रहे हैं कि ईद तक रहना होगा और ईद में गले मिलकर हीं जाने देंगे। मैंने दुहाई दी कि भाई अभी सोशल डिस्टेंन्सिंग का मामला चल रहा है। दूर से ही दुआ-सलाम करना ठीक रहेगा। इसपर भी बात नहीं बनी। कहते हैं कि साथ जीयेंगे साथ मरेंगे।
मुल्क का बँटवारा एक राजनीतिक साजिश थी। अँग्रेजों और उसके दलालों ने मुल्क का बँटवारा इसलिए करवाया ताकि हम लड़ते रहें और वो हमें हथियार बेचते रहें। खैर ! मुल्क का सियासी बँटवारा हुआ है हम दोनो भाईयों के दिलों का नहीं। इसलिए मोहतरम विकास सिंह जी ईद मुबारक के बाद हम इज्जत के साथ चलकर आपको बाघा बोर्डर तक छोड़ आएंगे और हाँ ! कुछ सेवईयां साथ भी लेते जाईयेगा और तमाम हिन्दुस्तानी भाईयों को हमारा सलाम बोलियेगा और सेवईयां खिलाकर ईद मुबारक कीजिएगा।
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