नगर प्रशासन की गुंडागर्दी के खिलाफ पुलिस का डंडा

नपेंगे कई अधिकारी व कर्मचारी

बोकारो। वर्षों से इस्पात नगर में आतंक का प्रयाय बने बीएसएल के नगर प्रशासन विभाग के डीजीएम की गुंडागर्दी के खिलाफ बोकारो एसपी कार्तिक ने विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इतना ही नहीं इन मामलों की निष्पक्ष जांच भी की जा रही है। कयास लगाया जा रहा है कि इस मामले में धन उगाही करने वाले कई अधिकारी व कर्मचारी नप सकते हैं।

गौरतलब है कि स्टील ऑथरेटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की बोकारो इस्पात इकाई के अधिकारियों ने जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत को चरितार्थ कर दिया है। लेकिन बोकारो एसपी ने हफ्ता एवं धन उगाही करने वालों की पोल खोलने के साथ- साथ उन्हें जेल (लाल घर) पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। इतना ही नहीं नगर विकास विभाग में तोड़ू दस्ते के कर्मचारियों की चल- अचल संपत्ती की जांच कराने का भी बंदोबस्त किया जा रहा है।

मौजूदा समय में नगर प्रशासन विभाग के डीजीएम के खिलाफ रंगदारी, छिनतई, हफ्ता वसूली सहित अन्य कई अपराधिक मामलो के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। सेल के तोड़ू दस्ते को इस शहर के लोग व्हाईट टेरर के नाम से भी जानते और पहचानते हैं। दरअसल तोड़ू दस्ते अपनी आदत के मुताबिक स्थानीय पत्रकार से भिड़ गए। विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने स्थानीय पत्रकार विकास चंद्र महाराज से पंगा लेकर अपना खाना खराब किया है।

इस घटना की लिखित शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बोकारो एसपी ने कार्रवाई शुरू कर दी। इससे बोकारो इस्पात नगर में हड़कंप मच गया है, जबकी आम जनता एसपी की कार्रवाई से बेहद खुश है। उल्लेखनीय है कि बीएसएल के नगर प्रशासन विभाग द्वारा तोड़ू दस्ते में होमगार्डों के जवान और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। ताकि सेल की संपत्ति सुरक्षित रहे। लेकिन यहां उल्टी गंगा बह रही है। यहां के तोड़ू दस्ते (अतिक्रमण विभाग) के अधिकारी व कर्मचारी नगर के अलग-अलग हिस्सों में अवैध रूप से दुकान, मकान बनवाने के एवज में मोटी रकम वसूलते हैं।

सूत्रों की माने तो अतिक्रमण विभाग के कर्मचारियों को मुंह मांगी रकम नही मिलने पर किसी भी हद तक चले जाते हैं। जैसे किसी के घर में तोड़-फोड़ के अलावा लोगों के क्वार्टरो में घुस कर लूटपाट भी करते हैं। जिसके कारण यहां की जनता सेल के तोड़ू दस्ते से डरती है। इस मामले में बोकारो सेक्टर बारह थाने में बीएसएल के नगर प्रशासन विभाग के डीजीएम के खिलाफ कांड संख्या 17/2018 में भादवि की धारा 448 (अवैध रूप में घर मे घुसना) धारा 385 (रंगदारी वसूली) , धारा 379 (छिनतई या लूट पाट करना) सहित धारा 427, 504 और 34 आदि दर्ज किया गया है। बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार विकास चंद्र महाराज सेक्टर 12/ए के क्वार्टर नंबर 1542 में रहते हैं।

घटना पर एक नजरः वरिष्ठ पत्रकार महाराज के अनुसार दोपहर का समय था वो आराम कर रहे थे। इस दौरान तोड़ू दस्ते के लोग दो टेकरों में भर कर वरिष्ठ पत्रकार महाराज के घर के सामने आए और उन्हें बाहर बुलाया गया। खुद को डीजीएम कहने वाला कर्मचारी गाडी में बैठे-बैठे परमिशन के नाम पाँच-दस हजार रूपये की मांग की, इंकार करने पर उसके आदेश पर टेकर में बैठे अन्य लोग घर मे घुसे और तोडफोड करने लगे। इस दौरान उन लोगों ने सुरक्षा की दृष्टी से लगाए गए ग्रिल व खिडकी को भी तोड दिया। तोड़ू दस्ते का आतंक इतने पर खत्म नहीं हुआ, वो लोग गाली ग्लोज करते हुए घर से पाँच हजार नकद और डिजिटल कैमरा उठा कर चलते बने।

अब देखना यह दिलचस्प होगा की एक इमानदार आईपीएस अधिकारी इस मामले में तोड़ू दस्ते के गुंडो पर कैसे व कितना शिकंजा कसते हैं।

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