बोकारो। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपने उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने 40 नए टॉवर लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दूरसंचार की बेहतर सेवाएं प्राप्त हो इसके लिए कंपनी क्षेत्र में लगे मौजूदा 23 टॉवरों में बीटीएस सिस्टम को अपग्रेड कर रही है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सूचना तंत्र बेहद कमजोर है, इसे मजबूत करने के लिए सरकार व कंपनी दोनों संयुक्त रूप से प्रयास कर रही है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बीटीएस (बेसिक ट्रांसीवर स्टेशन) सिस्टम लगाने के लिए नेटर्वक ऑप्टिमाइजेशन का काम किया जा रहा है। इसके तहत जहां-जहां कमजोर सिग्नल है उस जगह को चिह्नित किया जा रह है।
कंपनी उन जगहों पर नए टावर लगाने के लिए प्रस्ताव भेजी है। पुराने टॉवरों के बीटीएस सिस्टम के सॉफ्टवेयर को अपडेट करते हुए तमाम टॉवरों की फ्रिक्वेंसी स्ट्रेंथ को नए तरीके से सेट किया जा रहा है, ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बीएसएनएल के उपभोक्ताओं को नेटवर्क संबंधी समस्याओं को लेकर परेशान न होना पड़े। बीएसएनएल के नए टॉवर लगने के बाद उपभोक्ताओं को और बेहतर सेवाएं मिलेगी।
बीटीएस सिस्टम अपग्रेड होने से सुधरेगी इंटरनेट सेवा : बीएसएनएल जैसे ही अपने बीटीएस सिस्टम को अपग्रेड कर देगी, वैसे ही इन क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा वर्तमान की अपेक्षा बेहतर हो जाएगी। सिस्टम अपडेट होने के बाद ब्रॉड-बैंड की भी इंटरनेट स्पीड बढ़ जाएगी। कंपनी के पदाधिकारी की मानें तो इसके पीछे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर दूरसंचार सेवा प्रदान करना है, ताकि आने वाले समय में बीएसएनएल के उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो।
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