एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। यह केवल बोकारो ही नहीं बल्कि झारखंड में पहली बार हुआ है कि किसी दृष्टिबाधित भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को जिला उपायुक्त बनाया गया है। पहली बार दृष्टिबाधित आइएएस अधिकारी राजेश सिंह को बोकारो (Bokaro) जिले का उपायुक्त बनाया गया है। इसके लिए सिंह को सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़नी पड़ा है।
पटना जिला के हद में धनरूआ निवासी दृष्टिबाधित राजेश कुमार सिंह (Rajesh Kumar Singh) के आइएएस (IAS) बनने के बाद भी तमाम अड़चनें आई थी। पर लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उन्होंने आईएएस बनने में सफलता हासिल की। इससे पहले राजेश उच्च शिक्षा में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत थे।
दृष्टिबाधित सिंह ने वर्ष 2007 में यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास की और देश के पहले नेत्रहीन आईएएस बने। उनकी नियुक्ति लंबी कानूनी लड़ाई के बाद वर्ष 2011 में संभव हो पाया। बचपन में ही क्रिकेट खेलने के दौरान हुए एक हादसे में राजेश के आंखों की रोशनी चली गई थी। इसके बावजूद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेएनयू से पढ़ाई की। इसके बाद यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बने, लेकिन दृष्टिबाधित होने के कारण उनकी नियुक्ति का विरोध किया गया। सिंह के बोकारो उपायुक्त बनने से बोकारोवासियों मे कौतूहल देखा जा रहा है।
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