डॉक्टर बनाने के नाम पर रिम्स में फर्जीवाड़ा

साभार/ रांची। रांची स्थित रिम्स (RIMS) में एमबीबीएस (MBBS) में दाखिले के नाम पर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा सामने में आया है। ऐसे पीडि़त छात्रों की संख्या 25 बताई जा रही है। ठगों का रैकेट इतना शातिर है कि ये सारे कारनामे रिम्स परिसर में कर रहे हैं ताकि नामांकन लेने वाले छात्र और उनके परिजनों को तनिक भी शक न हो। ठगी करने वाले इस तरह से छात्र और परिजनों को अपने जाल में फंसाते हैं कि वह धीरे-धीरे मांगे गए सारे पैसे परिजन खुद ब खुद विश्वास के साथ दे देते हैं।

इसके लिए ठगबाज रिम्स (RIMS : Rajendra Institute of Medical Sciences) के नाम का लेटर पैड व फॉर्म, फर्जी एसएमएस और अस्पताल का फर्जी चिकित्सक बताकर उनका साक्षात्कार भी लेते हैं। कुछ दिनों के बाद उन्हें फर्जी एसएमएस और फर्जी कॉल से नामांकन होने की सूचना भी दे देते हैं। रिम्स प्रबंधन ने भी माना है कि इस तरह की कई शिकायतें उन्हें मिली है। इसलिए उन्होंने छात्रों को ऐसे दलाल के चक्कर में नहीं आने की सलाह दी है।

कानपुर के आरव कुमार के साथ भी कुछ ऐसा हुआ, जहां उसे रिम्स में दाखिला के नाम पर 15.5 लाख रुपये देने की मांग करते हैं। इसके लिए उन्हें पांच सितंबर को रिम्स में भी बुलाया जाता है, जहां उन्हें रिम्स से एक बंदा बाहर निकलकर उन्हें फॉर्म देता है, फर्जी चिकित्सक से साक्षात्कार भी दिलाता है। दलाल उन्हें यह आश्वासन भी देता है कि वह सारा काम आरक्षण कोटा से कर रहे हैं। साक्षात्कार के बाद उन्हें एसएमएस भी आता है। उनका रजिस्टे्रशन हो गया है और 13 सितंबर को दाखिला भी होगा। जबकि दोबारा 13 सितंबर को परिजन पहुंचते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि उनके साथ फर्जीवाड़ा किया गया है।

छत्तीसगढ़ की छात्रा के साथ ऐसा ही कुछ हुआ। नामांकन के नाम पर 23 लाख रुपये ठग लिए गए। इसके पहले उससे 15 लाख रुपये मांगे गए थे। शनिवार को ठग ने उससे आठ लाख रुपये एक होटल से भी ले लिए। जब वह इस मामले की जानकारी लेने रिम्स पहुंची तो उसे पता चला कि उसके साथ किसी ने फर्जीवाड़ा कर दिया है। इस पर निदेशक से मिलकर अपनी बात को भी रखी। लेकिन, निदेशक ने कहा वह इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं। 25 मामले ऐसे हैं, जिसकी शिकायत पीडि़त परिवार ने रिम्स प्रबंधन से की है। लेकिन कई मामले ऐसे हैं, जो रिम्स तक नहीं पहुंचे हैं। डर और बदनामी दोनों ही कारणों से परिवार व छात्रों ने शिकायत करने से परहेज किया।

ठगी का शिकार होने वालों ज्यादातर लोग झारखंड से बाहर के हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा सहित अन्य राज्यों के हैं। झारखंड के भी कुछ छात्र ठगी के शिकार हुए हैं, जिनकी शिकायत मिली है। पिछले डेढ़ माह से जालसाजी का काम चल रहा है। लेकिन, पुलिस के गिरफ्त में एक भी दलाल नहीं आया है।

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