साभार/ श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) का दर्जा खत्म होने के बाद राज्य में तनाव की स्थितियां बनी हुई हैं। प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है, वहीं सभी महत्वपूर्ण पार्टियों के प्रमुख नेता अब भी हिरासत में मौजूद हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थितियों की समीक्षा के लिए राज्य में मंगलवार को सुरक्षा एजेंसियों और सैन्य अधिकारियों की एक बड़ी बैठक हुई है। वहीं राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य के सभी समुदायों के लोगों से शांति व्यवस्था में सहयोग करने की अपील की है।
अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया
जम्मू-कश्मीर में सामयिक स्थितियों को देखते हुए सरकार की ओर से अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से कश्मीर घाटी में 8 हजार और जवान भेजे गए हैं। इसके अलावा जम्मू डिविजन के अलग-अलग हिस्सों में भी सेना और जवानों की अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर जम्मू के सभी सार्वजनिक स्थानों पर सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा कुछ सैन्य स्थलों पर आर्मी का सख्त सुरक्षा घेरा भी बनाया गया है।
इंटरनेट और रेल सेवाओं पर रोक लगाई गई
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के मद्देनजर इंटरनेट और रेल सेवाओं पर रोक लगाई गई है। इस क्रम में बारामुला से बनिहाल रेल खंड के बीच रेल सेवाओं को स्थगित किया गया है। इसके अलावा कश्मीर घाटी के समेत राज्य के सभी जिलों में इंटरनेट सेवाओं एवं केबल टीवी सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। श्रीनगर में हिंसक प्रदर्शन या किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर धारा 144 लगाई गई है। हालांकि तनावपूर्ण शांति के बीच मंगलवार को कुछ लोग जरूरी सामान लेने के लिए श्रीनगर की सड़कों पर निकले जरूर दिखाई दिए।
श्रीनगर शहर में सुरक्षा के लिहाज से कड़े बंदोबस्त
श्रीनगर शहर में सुरक्षा के लिहाज से कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। शहर के संवेदनशील सात थाना क्षेत्रों में सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमों को तैनात किया गया है। इसके अलावा अन्य इलाकों और सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। तनाव के बीच कश्मीर में सेना और भारतीय वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वहीं सुरक्षा एजेंसियों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
सेना ने उच्च स्तरीय बैठक की
जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थितियों और एलओसी से लेकर सीमा तक की सुरक्षा व्यवस्था के मुद्दे पर श्रीनगर में सेना ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की है। इस बैठक में सेना, अर्धसैनिक बल और अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हुए हैं। बताया जा रहा है कि पूर्व में कश्मीर में मौजूद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने भी मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट केंद्र सरकार के पास भेजी थी।
टेरर लॉन्च पैड्स पर आतंकियों की गतिविधियां तेज
इस बैठक में सेना के जीओसी रणबीर सिंह ने अधिकारियों को जानकारी देते हुए कहा है कि पाकिस्तान द्वारा बीते कुछ दिनों से उसके टेरर लॉन्च पैड्स पर आतंकियों की गतिविधियां बढ़ाई गई हैं और नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी की आड़ में घुसपैठ की कोशिशें तेज हुई हैं। जीओसी ने यह भी कहा कि भारतीय सेना द्वारा देश में तनाव और असुरक्षा पैदा करने की कोशिश करने वाले तत्वों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तानी सेना ऐसे ही अपनी साजिशों को जारी रखेगी तो उसे भारतीय सेना के जवाब के वक्त बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
प्रमुख पार्टियों के नेता हिरासत में
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के लिहाज से राज्य की सभी प्रमुख पार्टियों के राजनेताओं को सोमवार शाम से ही हिरासत में रखा गया है। हिरासत में लिए जाने वाले नेताओं में महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन व इमरान अंसारी शामिल हैं।
राज्यपाल ने सुरक्षा और कानून व्यवस्था की समीक्षा की
सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की और उन्हें राज्य में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा राज्यपाल ने सुरक्षा और कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता भी की। इस बैठक के बाद गर्वनर के प्रदेश के सभी समुदाय के लोगों और आम जनों से किसी भी अफवाह पर ध्यान ना देनें, कानून व्यवस्था में सहयोग देने एवं शांति बनाए रखने की अपील भी की।
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