साभार/ श्रीनगर। कश्मीर घाटी में शनिवार को हुई भारी बर्फबारी के बाद बडे़ पैमाने पर बिजली कटौती की गई, जिसके चलते कई इलाके अंधेरे में डूब गए। प्रशासन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि साल 2009 के बाद घाटी में नवंबर में पहली बार बर्फबारी हुई है। कश्मीर के चीफ इंजिनियर (इलेक्ट्रिक मेन्टेनेंस) हशमत काजी ने कहा कि बिजली की आपूर्ति लाइनों पर पेड़ों की शाखाएं गिरने के चलते यह समस्या उत्पन्न हुई है। ट्रांसमिशन लाइनों में व्यवधान के कारण आमतौर पर 1300 मेगावाट होने वाली बिजली आपूर्ति अब 80 मेगावाट तक आ गई है। उन्होंने कहा कि बिजली विकास विभाग की पूरी टीम ट्रांसमिशन लाइनों और ग्रिड स्टेशनों की बहाली पर काम कर रही है।
घाटी और बाकी भारत के बीच उड़ानें और सड़क मार्ग संपर्क भी बंद रहा। खराब दृश्यता के चलते शनिवार दोपहर से श्रीनगर हवाईअड्डे से सभी उड़ानों को रद्द करना पड़ा, जबकि जवाहर सुरंग क्षेत्र में भारी बर्फबारी के चलते श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग बंद हो गया। बर्फबारी ने श्रीनगर-लेह राजमार्ग और मुगल रोड को भी बंद कर दिया है जो घाटी को लद्दाख क्षेत्र और जम्मू संभाग के राजौरी जिले से जोड़ता है।
अंतर जिला परिवहन भी प्रभावित हुआ क्योंकि सड़कों पर बर्फ होने के चलते फिसलन की स्थिति बन गई। अधिकारियों ने कहा कि मुगल रोड पर पीर की गली और श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग के जवाहर सुरंग क्षेत्र में भारी बर्फबारी में फंसे करीब 500 लोगों को बचाया गया है। भारी बर्फबारी पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी चिंता जताई है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘बर्फबारी से सेबों की फसल को नुकसान पहुंचा है।सरकार से पीड़ितों की मदद के लिए जल्द से जल्द हरसंभव कदम उठाए।’
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