वादों से मुकरी भाजपा सरकार
मुंबई। हर वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का दावा करने वाली भाजपा सरकार अपने ही जुमलों में उलझ गई है। इस बात का खुलासा आरटीआई से हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में जनवरी 2013 मार्च से 2019 तक 34,23,243 अधिसूचित रिक्तपदों में से सिर्फ 9 लाख 37 हजार 765 पदों पर ही नियुक्ति की गई। जबकि 35 लाख 23 हजार 272 शिक्षित बेरोजगार अभ्यर्थियों ने नौकरी के लिए पंजीकरण कराया है। पांच साल बीतने के बाद भी सरकार अपने वादों पर खरी नहीं उतरी और अब अपने जुमलों की लीपा पोती कर रही है।
खबर के मुताबिक 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का एलान किया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद भाजपा सरकार ने अपने वादों को महज एक जुमला करार दिया। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में रोजगार को बढ़ाने के लिए, सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय रोजगार मेला, रोजगार प्रोत्साहन कार्यक्रम, आदिवासी उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने और विभिन्न रियायतें देकर बेरोजगारी सेवा सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने जैसे उपाय शुरू किए हैं।
इसके बावजूद राज्य में जनवरी 2013 मार्च से 2019 तक 34,23,243 अधिसूचित रिक्तपदों में से सिर्फ 9 लाख 37 हजार 765 पदों पर ही नियुक्ति की गई। बाकी के रिक्तपदों पर भरती नहीं की गई ऐसी जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने कौशल विकास, रोजगार और जनसंपर्क निदेशालय से आईटीआई के जरिये मिली है।
आरटीआई कार्यकर्ता ने महाराष्ट्र सरकार से जानकारी मांगी थी कि 2013 से उत्तर देने तक किस विभाग में, राज्य में कितना रोजगार के अवसर बने हैं। राज्य में कितनी बेरोजगारी बढ़ी है और सरकार द्वारा राज्य में रोजगार बढ़ाने के सरकार क्या कदम उठा रही है। इस संदर्भ में कौशल विकास, रोजगार और जनसंपर्क निदेशालय के सूचना अधिकारी और उप निदेशक श्री र. ल. कोल्हर ने यह जानकारी उपलब्ध कराई है।
जानकारी के अनुसार, राज्य में जनवरी 2013 से मार्च 2019 तक 34,23,243 अधिसूचित रिक्त पदों में से सिर्फ 9 लाख 37 हजार 765 पदों पर ही नियुक्ति की गई। जबकि, 35 लाख 23 हजार 272 बेरोजगार अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है।
अधिसूचित रिक्त पदों की संख्या और भर्ती
वर्ष 2013 में 1 लाख 18 हजार 938 पद रिक्त हुए तो वही 1,14,658 पदों को भरा गया, यानी कि 96 प्रतिशत अधिसूचित रिक्त पदों को गया। वर्ष 2014 में 8,41,164 पद रिक्त हुए तो वही मात्र 84,707 पदों को भरा गया, यानी कि 10 प्रतिशत अधिसूचित रिक्त पदों को भरा गया। वर्ष 2015 में 5,71,418 पद रिक्त हुए तो वही मात्र 1,25,457 पदों को भरा गया, यानी कि 22 प्रतिशत अधिसूचित रिक्त पदों को भरा गया।
वर्ष 2016 में 5,76,857 पद रिक्त हुए तो वही मात्र 1,44,034 पदों को भरा गया, यानी कि 25 प्रतिशत अधिसूचित रिक्त पदों को भरा गया। वर्ष 2017 में 4,13,195 पद रिक्त हुए तो वही मात्र 2,22,639 पदों को भरा गया, यानी कि 54 प्रतिशत अधिसूचित रिक्त पदों को भरा गया। वर्ष 2018 में 7,85,390 पद रिक्त हुए तो वही मात्र 1,97,978 पदों को भरा गया, यानी कि 25 प्रतिशत अधिसूचित रिक्त पदों को भरा गया।
वर्ष 2019 मार्च तक 1,16,281 पद रिक्त हुए तो वही मात्र 4,82,92 पदों को भरा गया, यानी कि 41 प्रतिशत अधिसूचित रिक्त पदों को भरा गया। 2013 से 2019 मार्च तक 35 लाख 23 हजार 272 लोगों ने बेरोजगारों की लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया है। यानी बीजेपी सरकार ने बेरोजगार युवाओं को नौकरी तो देती नहीं है उल्टा रिक्त पड़े पदों तक को भरती नहीं है जबकि 2013 में आघाड़ी सरकार ने 1,18,938 अधिसूचित रिक्त पदों में से 1,14,658 पदों पर भर्ती की जो कि लगभग 96 प्रतिशत है।
किस साल बेरोजगारों की संख्या दर्ज
2013 में कुल 6,30,364 बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया। इसी तरह 2014 में कुल 5,36,498 2015 में कुल 4,61,910 2016 में कुल 4,60,061 2017 में कुल 5,39,300 2018 में 7,26,982 और 2019 मार्च तक कुल 1,68,157 बेरोजगारों ने अपने आप को रजिस्टर कराया। ऐसे माना जा रहा है कि भाजपा सरकार अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रही इस लिए देश के शिक्षित बेरोजगार युवकों के सामने पकौड़े बेचने, पंचर बनाने पर जोर नहीं देती।
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