नई दिल्ली। राफेल डील मामले में केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट दाखिल की गई है। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में कीमतों की भी जानकारी दी गई है। इसके अलावा राफेल डील की प्रक्रिया और दसॉल्ट कंपनी के भारतीय ऑफसेट पार्टनर के चुनाव पर भी कागजात सौंपे गए हैं। केंद्र ने कहा है कि राफेल सौदा प्रक्रिया के तहत ही किया गया है और भारतीय ऑफसेट पार्टनर चुनने में उसकी कोई भूमिका नहीं है।
ये ऑरिजनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर (OEM) यानी दसॉल्ट एविएशन का फैसला था। आफसेट पार्टनर का चुनाव दो निजी कंपनियों का फैसला था। इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि अभी तक भारतीय ऑफसेट पार्टनर को कोई रकम नहीं दी गई है। कांट्रेक्ट के मुताबिक भारतीय ऑफसेट पार्टनर का दायित्व अक्तूबर 2019 से शुरू होगा इसमें दसॉल्ट एविएशन का ऑफसेट शेयर 19.9 फीसदी और MBDA का 6.27 फीसदी शेयर होगा। फिलहाल मामले की सुनवाई अब 14 नवंबर को होगी।
गौरतलब है कि राफेल डील पर मोदी सरकार पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने घोटाले का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उस सौदे में मुकेश अंबानी को फायदा पहुंचाया गया है और ज्यादा कीमत में विमान खरीदे गए हैं इससे देश के खजाने को नुकसान पहुंचा है।
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