साभार/ कानपुर। जम्मू-कश्मीर के बडगाम में एयरफोर्स के एमआई-17 विमान क्रैश में उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी दीपक पांडेय भी शहीद हो गए थे। गुरुवार देर शाम उनका पार्थिव शरीर कानपुर पहुंचा। शुक्रवार सुबह उनकी अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। हजारों लोगों की भीड़ ने इस दौरान भारत माता की जय के नारे लगाए, जिससे पूरा आकाश गूंज उठा। एयरफोर्स के अफसरों और शहीद दीपक के परिवार सहित हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि दी। शहीद को सिद्धनाथ घाट पर अंतिम विदाई दी गई।
गुरुवार को शहीद का पार्थिव शरीर देर शाम कानपुर पहुंचा इसलिए उनका दाह संस्कार नहीं हो सका। शुक्रवार सुबह राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। शहीद के शव के साथ निकली अंतिम यात्रा में हजारों लोग उमड़े। लोगों की आंखों में आंसू, चेहरे पर गर्व और जुबान पर भारत माता की जय के नारे थे। जहां तक नजर जा रही थी लोगों की भीड़ ही नजर आ रही थी। इससे पहले शहीद के परिवार को सांत्वना देने के लिए डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्या पहुंचे। उन्होंने शहीद के परिजनों को 25 लाख रुपये का चेक सौंपा।
शहीद की अंतिम यात्रा में लोग हाथों में तिरंगा लेकर पहंचे। लोगों ने अपने घरों से फूल बरसाए तो शहीद दीपक पाण्डेय अमर रहे के नारे लगाए गए। अंतिम यात्रा जिधर से भी गुजरी वहां से लोग इसमें शामिल होते गए। नतीजा यह हुआ कि सिद्धनाथ घाट पहुंचते-पहुंचते शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम इकट्ठा हो गया।
कानपुर के मंगला विहार-2 में रहने वाले दीपक पांडेय (27) ने 2013 में एयरफोर्स जॉइन की थी। 20 दिन की छुट्टी पर घर लौटे दीपक एक हफ्ते पहले ही वापस आ गए थे। छुट्टियों के दौरान उन्होंने घर बनवाने का काम तेज करवा दिया था। मंगलवार शाम 8 बजे दीपक ने मां रमा से फोन पर बात की थी। तब सबकुछ ठीक बताया था। बुधवार दोपहर बाद रमा को फोन पर पता चला कि दीपक हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हो गए हैं तो वह बेहोश होकर गिर पड़ीं।
रमा होश में आईं तो पति रामप्रकाश को रोते हुए बेटे के बारे में बताया। रोने की आवाजें सुन पड़ोसी दौड़े चले आए और बुजुर्ग दंपती को ढांढस बंधाया। बेटे की शहादत से मां रमा के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। खुद को सांत्वना देने आने वाले लोगों से उन्होंने सुबकते हुए कहा, ‘दीपक कह रहा था कि अगली बार आऊंगा तो आपकी पसंद वाली लड़की देखकर शादी कर लूंगा। अब कब आएगा मेरा लाल?’
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