मुश्ताक खान/ मुंबई। करोना वायरस (Coronavirus) ने देश और पूरी दुनिया के सभी लोगों को हिला दिया है। वहीं करोना की वजह से लगे लॉक डाउन से हर तरफ सन्नाटा पसरा है। जबकि करोना की चक्की में लाखों लोगों पिस रहे है। इतना ही नहीं इससे देश की बड़ी आबादी कुपोषण का शिकार भी हो रहा है। वहीं करोना वायरस ने देश और दुनियां को बड़ी सीख भी दी है।
गौरतलब है की संकट की इस घड़ी में अक्सर हमारे दिमाग में स्याह पहलू ही आते हैं। लेकिन आज हम लोग इसके विपरीत पहलुओ पर विचार करते है! कोविड- 19 (Covid-19) से पसरे सन्नाटा के इस दौर में कुछ आंकड़ो पर नजर डालते हैं। भारत में सड़क हादसों की तुलना में लॉक डाउन के दौरान मृत्यु दर में काफी कमी देखी जा रही है। लॉकडाउन से पहले सरकारी आंकड़ो के अनुसार प्रतिदिन सड़क दुर्घटना में करीब 400 लोग अपनी जान गंवा देते थे। जो कि लॉक डाउन की वजह से नगण्य हो गई है। इससे देश और दुनिया मे लगभग प्रदुषण शून्य हो गया है, जबकि दुनिया की सभी सरकारें प्रदूषण पर नियंत्रण करने में नाकाम रही हैं। लेकिन मौजूदा समय मे लॉक डाउन के कारण सब नियत्रित में हैं। ताकि ओ जॉन लेयर भी अपने आप को रिस्टोर कर ले।
क्योंकि सबसे ज्यादा प्रदूषण करने वाले हवाई जहाज बिल्कुल बंद है! लॉक डाउन से अपराध का ग्राफ भी लगभग शून्य है। इसके अलावा पूरी दुनिया सफाई अभियान में लग गई है। हर घर हर गली हर रास्ते को साफ किया जा रहा है, इतना ही नहीं कीटनाशक दवाओं के छिड़काव भी हो रहे हैं। जोरदार साफ सफाई से ऐसा लगता है की कोरोना के साथ साथ अन्य बीमारियों के कीटाणु भी इस पृथ्वी से समाप्त हो जाएंगे। इन सबसे अहम बात लॉक डाउन की वजह से हम सब घरों में बंद हैं। इससे परिवार का महत्व भी हमें समझ में आ रहा है। वर्षों बाद परिवार में सब एक दूसरे से मिलजुल कर समय बिताते हैं।
वहीं कोविड-19 के कारण पशु पक्षी बहुत खुश है। क्योंकि वर्षों बाद उन्हें प्रकृतिक वापस मिली है। कोरोना के इस दौर में कोई पैसे की बात नहीं करता, बल्कि लोग एक दूसरे की मदद में कूद पड़े हैं। एक तरह से देखा जाए तो कोरोना हमें इंसानियत का पाठ पढ़ा रहा है। और पैसे के पीछे ना भागने की सलाह दी है। कोरोना के इस दौर में यह सब पॉजिटिव चीजें देखने को मिली है। उम्मीद है की कोरोना का संकट टल जाने के बाद भी हम इन सब चीजों का ध्यान रखेंगे।
मनोवैज्ञानिक डॉक्टरों का कहना है की पॉज़िटिव सोच रखो आपकी इम्युनिटी बढ़ेगी और स्वस्थ्य भी बढ़िया रहेगा। ताकि कोरोना से लड़ने में मदद मिलेगी जानकर बताते हैं की अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष अक्टूबर से जनवरी 2021 तक बच्चों के जन्म डर में भी गिरावट आ सकती है। वहीं पारिवारिक कलह में बढ़ोतरी दिखने को मिलेगी। इसके कई कारण है। एक तो बच्चे का नहीं होना, दूसरा बच्चों के संस्कार और आर्थिक तंगियों के कारण घरों में पंगा!
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