विशेष संवाददाता/ सिवान (बिहार)। बुल्ला टॉकीज (BULLA TALKIES) के बैनर तले बनी शॉर्ट फिल्म दान को चंपारण फिल्म फेस्टिवल (Champaran Film Festival) में बेस्ट स्टोरी और बेस्ट एक्टर के अवार्ड से नवाजा गया। इस फिल्म के लेखक और निर्देशक राजू उपाध्याय (Raju Upadhyay) हैं। राजू पहले भी भोजपुरी फिल्म कोहबर, धिया पूता से अपनी प्रतिभा को सिद्ध कर चुके हैं। इनकी आने वाली फिल्म पपीहरा रिलीज के लिए तैयार है। इस फिल्म में देश विदेश के कई कलाकारों ने अभिनय किया है और इसका संगीत एम्सटरडम में रहने वाले संगीतकार गायक राजमोहन ने दिया है। राजू की हिरोइन खुद रूस की रहने वाली हैं।
राजू की चर्चित फिल्म दान को रोशनाई, फिल्मेनिया एंटरटेनमेंट एवं हर्फ मीडिया प्रा. लि. के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय लघु फिल्म में दिखाया गया। इस फिल्म फेस्टिवल में देश के अनेक भाषाओं की फिल्में दिखाई गई थी, जिसमें से राजू उपाध्याय की फिल्म को जूरी और उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा। इस महोत्सव में बिहार और देश के कई प्रख्यात फिल्मकार, लेखक एवं साहित्यकार शामिल हुए।
इसके जूरी सदस्य मशहूर फिल्म अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्र, विनीत कुमार, गैंग्स ऑफ वासेपुर फेम सत्यकाम आनद, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित फिल्ममेकर कमलेश के. मिश्र एवं फिल्म समीक्षक एवं दिल्ली सरकार के संस्कृति मंत्रालय के मैथिली भोजपुरी अकादमी के कार्यकारी सदस्य डॉ. एम. के पांडेय थे। फिल्म फेस्टिवल में दान फिल्म को एक सामाजिक सरोकार वाली फिल्म के रूप में खूब सराहा गया।
इस फिल्म के मुख्य किरदार में राजू उपाध्याय के अभिनय को खूब सराहा गया। राजू उपाध्याय ने ही इस फिल्म को लिखा और निर्देशित भी किया है। यह फिल्म मुख्य रूप से बिहार के सिवान (Siwan) जिला के महेंद्र नाथ धाम मंदिर एवं उसके आस-पास के गांव में शूटिंग की गई थी। राजू उपाध्याय मेंहदार पुजारी घराने के पंडित कृष्णा उपाध्याय के पौत्र हैं।
बदलते इस दौर में इस तरह का विषय का चुनाव और इस पर काम करना वो भी बिहार में फिल्म बनाना काफी मुश्किल है, देश के प्रख्यात फिल्ममेकर कमलेश के मिश्रा ने कहा की यह फिल्म बदलते समय और सामाजिक परिस्थितियों में फिल्म के माध्यम से संदेश देना काफी कठिन है, परंतु दान फिल्म बहुत ही सहज रूप से संदेश दे जाती है। फिल्म रक्तदान को केंद्र में रखकर बनाई गई फिल्म हैं जिसमें जीवन के विभिन्न स्थितियों में रक्तदान और मानवीय मूल्यों को सहेजने का संदेश निहित है। इस फिल्म में सभी कलाकारों का अभिनय सराहनीय है।
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