नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने साफ कर दिया है कि 3 वर्ष से अधिक उम्र होने की वजह से कोई भी निजी स्कूल बच्चों को नर्सरी में दाखिला देने से इनकार नहीं कर सकता। सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि मौजूदा समय में नर्सरी में दाखिले के लिए कोई अधिकतम उम्र की सीमा तय नहीं की गई है। जिसके बाद हाई कोर्ट ने सरकार के दलील को स्वीकार करते हुए उन तीन बच्चों के दाखिला का निर्देश दिया जो ज्यादा उम्र के थे और नर्सरी में दाखिला चाहते थे।
हाई कोर्ट में तीन बच्चों की ओर से अर्जी दाखिल की गई थी। इनकी अर्जी का निपटारा करते हुए हाई कोर्ट ने इन्हें दाखिला देने का निर्देश दिया। इससे पहले दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि नर्सरी में दाखिले के लिए ज्यादा उम्र की सीमा तय नहीं है। इन तीनों बच्चों को आर्थिक तौर पर कमजोर तबके के वर्ग में दाखिला देने का निर्देश दिया गया है। इन तीनों की उम्र 4 साल से ज्यादा थी। स्कूल ऐडमिनिस्ट्रेशन ने इस आधार पर इन्हें नर्सरी में दाखिला देने से मना कर दिया था। गौरतलब है कि नर्सरी में दाखिले के लिए निम्नतम उम्र सीमा 3 प्लस है। हालांकि अधिकतम उम्र सीमा तय नहीं की गई है। लेकिन स्कूल ऐडमिनिस्ट्रेशन ने दाखिला से मना कर दिया था।
अदालत ने कहा कि सरकार का काम सिर्फ बच्चों की सूची भेजना नहीं है बल्कि स्कूलों में उनका दाखिला भी सुनिश्चित करवाना है। हाई कोर्ट ने पहले ही दाखिला की अधिकतम उम्रसीमा तय करने के आदेश पर रोक लगा रखी है। याचिकाकर्ता के वकील ने हाई कोर्ट में दलील दी कि इन तीनों बच्चों की उम्र 4 साल से ज्यादा है जिस कारण प्राइवेट स्कूल ने इन्हें दाखिला से मना कर दिया था। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा और सरकार ने कहा कि अधिकतम उम्र सीमा नर्सरी के लिए तय नहीं है। हाई कोर्ट ने तीनों बच्चों के दाखिला का निर्देश दिया है।
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