मुंबई। समय पर रिजल्ट घोषित करने में नाकाम मुंबई यूनिवर्सिटी ने गुरुवार बॉम्बे हाई कोर्ट में कहा है की 31 अगस्त तक सभी परीक्षा परिणाम घोषित करने का प्रयास करेगी। इस तरह से विश्वविद्यालय की तरफ से परीक्षा परिणाम घोषित करने की चौथी घोषित तय की गई है।
इस साल उत्तर पुस्तिका की ऑनलाइन मूल्यांकन होने की वजह से तय समय में परीक्षा परिणाम घोषित करने में मुंबई यूनिवर्सिटी विफल रही। इसके बाद राज्यपाल को परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने सभी परीक्षा परिणाम 31 जुलाई तक घोषित करने का निर्देश दिया। विश्वविद्यालय को परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए यह पहली समय सीमा थी।
इसके बाद विश्वविद्यालय की तरफ से 5 अगस्त और फिर 16 अगस्त का समय सीमा तय किया गया, लेकिन इस तिथि पर भी सभी परिणाम घोषित नहीं हुए। परीक्षा परिणाम को लेकर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। विश्वविद्यालय की ओर से पेश वकील रइ रोड्रिग्स ने न्यायमूर्ति अनूप वी मोहता और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ को बताया कि सभी शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने का काम खत्म करने के लिए ‘चौबीसों घंटे’ जुटे हुए हैं। वह इस बात का ‘पूरा प्रयास’ कर रहा है कि उसके स्नातक पाठ्यक्रमों के नतीजे 31 अगस्त तक घोषित हों।
उन्होंने कहा कि कला, विज्ञान और वाणिज्य पाठ्यक्रमों के स्नातक के सभी नियमित छात्रों के नतीजे 31 अगस्त तक घोषित हों, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘एलएलबी के सभी तीन वर्ष और पांच वर्ष के पाठ्यक्रमों के अंतिम सेमेस्टर के नतीजे भी 31 अगस्त तक घोषित होने चाहिए। स्नातक दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के नतीजे हालांकि बाद में घोषित किए जाएंगे’।
अदालत उन छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने कहा था कि इस साल लागू विश्वविद्यालय की नई आनलाइन आकलन प्रणाली में मुख्य रुप से तकनीकी खामी के कारण नतीजों में देरी हुई है। उच्च न्यायालय ने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी नई समयसीमा के संबंध में अपने शब्दों पर कायम रहने का पूरा प्रयास करे। कोर्ट ने कहा कि 31 अगस्त के बाद आप केवल परिणाम घोषित करने के लिए जबावदेही होंगे बल्कि आपको यह भी बताना होगा कि गल्ती कहां हुई है? न्यायाधीश मोहता ने यह भी कहा कि ‘आपको यह भी बताना होगा कि भविष्य में ऐसी गल्ती दुबारा न हो के लिए आप क्या कर रहे हैं।
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