दिल्ली में शर्तों के साथ ऑड-ईवन फॉर्म्युला मंजूर

नई दिल्ली। दिल्ली में एनजीटी ने सोमवार से शुरू होने वाले ऑड-ईवन को कुछ शर्तों के साथ हरी झंडी दे दी है। एनजीटी ने कहा कि किसी भी अधिकारी, दो पहिया वाहनों और महिलाओं को छूट नहीं दी जाएगी। एनजीटी ने कहा कि ऑड-ईवन के दौरान सिर्फ इमरजेंसी गाड़ियां जैसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों को छूट मिलेगी। दिल्ली आने वाले सभी रास्तों के बार्डर पर जाम न लगें इसके लिए सभी प्राइवेट यातायात सर्विस देने वाले के साथ सरकार कोर्डिनेट कर सीएनजी बसें चला सकती हैं। डीटीसी ऑड-ईवन के दौरान सिर्फ सीएनजी बसों का प्रयोग करें और आने वाले हफ्ते में पानी का छिड़काव किया जाए।

एनजीटी ने पूछा कि आप लोगों के ऊपर ज्‍यादा पार्किंग चार्ज लगा कर क्या हासिल करना चाहते हैं? एनजीटी ने कहा कि ये बहुत दुख की बात है कि आप कोर्ट के पुराने आदेश नहीं पढ़ते हैं। दिल्ली सरकार ने बताया है कि गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण में दो पहिया गाड़ियों का योगदान 30 फीसदी है। कोर्ट को सीपीसीबी ने बताया है कि दो पहिया गाड़ियां मिलाकर 4 पहिया पेट्रोल गाड़ियों से ज्‍यादा प्रदूषण करती हैं। आपने किस वैज्ञानिक आधार पर दो पहिया गाड़ियों को छूट दी है। 500 गाड़ियों को हटाकर अगर 1000 दो पहिया गाड़ियां सड़क पर हैं तो आपका उद्देश्य सिद्ध नहीं हो रहा है।

एनजीटी ने कहा कि सीपीसीबी कुछ कह रहा और डीपीसीसी कुछ और कह रहा है। आपने पिछले 10 दिनों ऑड-ईवन लागू क्यों नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट का कोई ऑर्डर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने ऑड-ईवन लागू करने का सुझाव दिया था ये मत कहिए कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश हैं। एनजीटी ने डीटीसी को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने हमारे पुराने आदेश नहीं पढ़े हैं। आपने सीएमडी होने के बाद भी हमारे दिए गए डीटीसी को निर्देश वाले आदेश नहीं पढ़े।

एनजीटी ने कहा कि आप लोग क्या कह रहे हैं ऐसा लगता है कि एक आदमी लंदन में हैं और दूसरा गाज़ियबाद में है। आप ये बताएं कि 48 घंटे का क्या लॉजिक है और पिछले तीन महीने से हालात खराब हैं। ये 48 घंटों की मॉनिटरिंग के बाद ही ग्रेडेड रिसपांस करने का क्या लॉजिक है.एम्‍स के सामने चल रहे एनबीसीसी के निर्माण काम की वजह से एनजीटी ने पूरी बिल्डिंग को सील करने का दिया आदेश।

एनजीटी ने दिल्‍ली सरकार से कहा कि हमको वो लेटर दिखाई जिसमें आप ऑड-ईवन लागू करने की बात कह रहे हैं या दिल्‍ली सरकार ने जो निर्देश जारी किया है। एनजीटी ने पूछा है कि आपने कौन सी स्टडी के मुताबिक, ऑड-ईवन लागू किया है। दिल्ली सरकार ने कहा कि वह ईपीसीए के सुझावों को मान रहे हैं। एनजीटी ने दिल्‍ली सरकार को कहा, भगवान मदद कर रहे हैं आपकी स्थिति आपने आप सुधर रही है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि हमें आप बता रहे हैं सिर्फ 24 अक्टूबर से ही पीएम 10 से 500 हुआ है। क्या हमें बता रहे हैं कि 24 अक्टूबर से पहले पीएम 10 से 100 के नीचे था। क्या दिल्ली में कभी भी पीएम 10-100 से कम रहा है और आपने ये बातें सीपीसीबी को कही हैं। एनजीटी ने दिल्‍ली सरकार से पूछा है कि आप हमें ये बताइए कि ऑड-ईवन लाने का उद्देश्य क्या है। आपको लगता है कि आप सड़क से सिर्फ वाहनों का भार कम करना चाहते हैं। यमुना के पास निर्माण काम चल रहा है। हमने आपको कब मना किया कि आप एनएचएआई पर दंड न लगाएं। आप निर्माण कार्य के लिए डीएमआरसी और एनएएचआई पर एक लाख का दंड कीजिए जहां वो निर्माण काम कर रहे हैं।

इस मामले में शुक्रवार को एनजीटी ने दिल्‍ली सरकार से 13 सवाल पूछे थे जिसके जवाब आज राज्‍य सरकार दे सकती है। शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी दिल्‍ली सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि हमारी संतुष्टि के बिना ऑड ईवन लागू नहीं होगा। दिल्ली सरकार ने अनुरोध किया था कि जरूरी सामान के उद्योगों को बैन से बाहर रखा जाए जिस पर एनजीटी ने कहा था कि हम अगर बच्चों को साफ हवा नहीं दे रहे हैं तो पाप कर रहे हैं।

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