एनडीआरएफ की रेस्क्यू बोट पर महिला ने दिया बच्ची को जन्म

संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार के पूर्वी चम्पारण (मोतिहारी) जिला में बाढ़ राहत एवं बचाव ऑपेरशन में जुटी एनडीआरएफ (NDRF) की 9वीं बटालियन के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रेस्क्यू बोट पर एक गर्भवती महिला ने बच्ची को दिया जन्म दिया है। महिला का नाम रीमा देवी और उम्र 25 वर्ष बतायी जा रही है।

दरअसल उक्त महिला प्रसव को लेकर बेहद परेशान थी और परिवार के अन्य लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि संकट की इस घड़ी में जल्द से जल्द नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया कैसे उसे पहुंचाया जाये। इसकी सूचना गांव के नजदीक ऑपेरशन में जुटी एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन के कमाण्डर सह सहायक उप निरीक्षक जितेन्द्र कुमार को जैसे ही मिली उन्होंने अपने प्रभारी अधिकारी अरविन्द मिश्रा को सूचना वायरलेस के माध्यम से दी।

वरीय अधिकारीयों से निर्देश मिलते ही पास मौजूद एनडीआरएफ की एक टीम बूढ़ी गंडक नदी के बाढ़ प्रभावित गांव गोबरी प्रखंड बंजारिया स्थित प्रसव पीड़ित महिला के घर के नजदीक रेस्क्यू बोट लेकर पहुंची। इसके बाद त्वरित कार्यवाई करते हुए एनडीआरएफ ने प्रसव पीड़ित महिला रीमा देवी को उनके परिजनों एवं साथ में एक आशा सेविका को लेकर रेस्क्यू बोट से नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया (मोतिहारी) सुरक्षित पहुंचाने में जुट गए।

इस बीच नाव बूढ़ी गंडक नदी बाढ़ के मजधार होते हुए जाने के क्रम में गर्भवती महिला रीमा देवी का प्रसव का दर्द और बढ़ गया। महिला की गम्भीर हालत एवं उनके जान जोखिम को देखते हुए एनडीआरएफ रेस्क्यू बोट पर ही प्रसव कराने का फैसला लिया गया।

आखिर में एनडीआरएफ के बचावकर्मी, आशा सेविका और उनके परिवार के महिलाओं के सहयोग से सफल एवं सुरक्षित प्रसव करा लिया गया। इस प्रकार बाढ़ के बीच मजधार में एक नन्हीं बच्ची की किलकारी गूंज उठी। रीमा देवी ने रेस्क्यू बोट पर ही एक बच्ची को जन्म दिया। महिला और नवजात शिशु को भोला चौक रोड के नजदीक सुरक्षित लाकर सरकारी एंबुलेंस की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया (मोतिहारी) में भर्ती करवा दिया गया। महिला और नवजात शिशु दोनों स्वस्थ्य हैं।

इधर इस पूरे वाक्ये की जानकारी देते हुए एनडीआरएफ की 9वी बटालियन के कमान्डेट विजय सिन्हा ने 26 जुलाई को जगत प्रहरी को बताया कि बाढ़ प्रभवित इलाकों से सुरक्षित निकालने के क्रम में वर्ष 2013 से यह सिलसिला शुरू हुआ है और इस तरह से हमारी बटालियन अपने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अपने बोट पर आज तक में दसवें शिशु जन्म दिलाने का काम किया है। जिसमें एक जुड़वे बच्चे का जन्म भी शामिल है।

भगवान का शुक्र है कि अब तक सभी शिशु का जन्म सुरक्षित हुआ है। सिन्हा कहते है कि हमारे बचावकर्मियों का उद्देश्य मुसीबत में फंसी गर्भवती महिला को जल्द से जल्द सुरक्षित तरीके से नजदीकी अस्पताल पहुंचाने का होता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि एनडीआरएफ के बचावकर्मी आपदा रेस्पांस के अन्य तकनीकों के साथ साथ प्रथम चिकित्सा उपचारक में प्रशिक्षित होते हैं। उन्हें सुरक्षित प्रसव कराने के बारे में भी प्रशिक्षित किया जाता है। ताकि आपदा में जरूरतमंद को हर संभव मदद किया जा सके।

कमान्डेंट विजय सिन्हा ने इस बात की भी जानकारी दी कि बिहार में बाढ़ आपदा से निपटने के लिए वर्तमान में एनडीआरएफ की 21 टीमें राज्य के 12 अलग अलग जिलों में तैनात हैं। मोतिहारी (Motihari) जिला में अरविन्द मिश्रा सहायक कमान्डेंट के नेतृत्व में तीन टीमें तैनात है। अब तक एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित गोपालगंज, सुपौल, दरभंगा, सारण, पूर्वी चम्पारण और  पश्चिम चम्पारण जिलों में बाढ़ बचाव ऑपेरशन करके 5 हजार 300 से अधिक लोगों को जलमग्न गांवों से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है।

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