एस. पी.सक्सेना/ पटना (बिहार)। बिहार कैबिनेट की बीते 5 दिसंबर को आयोजित बैठक में नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब पैतृक जमीन के बंटवारे में कोई शुल्क नहीं लगेगा। सांकेतिक रूप से मात्र ₹-100/= लगेगा जिसमें 50 रुपया स्टाम्प ड्यूटी तथा 50 रुपया निबंधन शुल्क यानी कुल 100 रुपया देकर पैतृक संपत्ति का बंटवारा संभव होगा। ज्ञात हो कि पहले पैतृक संपत्ति पर कुल 5 फीसदी स्टाम्प शुल्क लगता था। सरकार ने ऐसा कर लोगों को बड़ी राहत दी है।
इस बावत निबंधन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि इस फैसले से अब जमीन संबंधी विवादों में कमी आएगी। बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुबोध कुमार के सुझाव के बाद सरकार ने यह फैसला लिया।कैबिनेट की बैठक में कुल 21 एजेंडों पर मुहर लगी है। बेल्ट्रान से आउटसोर्स किए गये कर्मियों जैसे प्रोग्रामर, स्टोनोग्राफर, आईटी बॉय और आईटी गर्ल की यदि सेवा काल में अाकस्मिक मौत हो जाती है तो उन्हें 4 लाख रुपये का सहायक अनुदान दिया जायेगा। कैबिनेट की बैठक में ग्रामीण इलाकों में भी प्लास्टिक पर पाबंदी लगा दी गयी है।
नोटिफिकेशन के 60 दिन के बाद प्लास्टिक के इस्तेमाल करने और बेचने पर जुर्माना लगेगा। कैबिनेट के निर्णय में आयुर्वेद महाविद्यालयों में कुल 156 पदों का सृजन, BPSC के विभिन्न परीक्षाओं के लिए 3 करोड़ 60 लाख रुपये की निकासी पर हरी झंडी और मुंगेर में वानिकी महाविद्यालय के लिए 105 करोड़ की राशि स्वीकृत किया गया है। साथ ही पंचायत समिति और जिला परिषद के कार्यालयों का सौंदर्यीकरण करने का निर्णय लिया गया। फर्नीचर और आईटी स्टेब्लिसमेंट आदि पर सरकार अच्छी-खासी राशि खर्च करेगी। कैबिनेट द्वारा उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संसथान को 58 लाख की राशि आवंटित की गयी है। साथ ही सर्व शिक्षा अभियान के तहत कुल 124.75 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है।
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