संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि बिहार में शराब के धंधेबाज तो पहले से मेरे खिलाफ हैं। अब जिनको शराब नहीं मिल रही, वह भी मुझे हटाना चाहते हैं। कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में शराबबंदी लागू की, तो उनको दो-सवा दो साल में ही तरह-तरह से परेशान कर कुर्सी से हटा दिया गया। मगर बिहार की जनता का रुख सकारात्मक है। इसलिए मुझे ऐसे लोगों की परवाह नहीं है।
मुख्यमंत्री 11 जून को नालंदा, पटना, भोजपुर, बक्सर, कैमूर और रोहतास के कार्यकर्ताओं के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बिहार के विकास को नई उछाल देने वाले एक बड़े एजेंडे का भी जिक्र किया। कहा हमें अगली बार सरकार बनाने का मौका मिला, तो हम हरेक खेत में पानी पहुंचा देंगे। कृषि अर्थव्यवस्था आधारित बिहार में इसकी दरकार दशकों से रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी से बिहार में खुशहाली आई है। चारों ओर सुख शांति का माहौल कायम हुआ। पहले बड़ी संख्या में बिहारवासी अपनी गाढ़ी कमाई का मोटा हिस्सा शराब में बर्बाद कर देते थे। शराबबंदी से उनके परिवार में महिलाएं काफी खुश हैं।
दूसरे राज्यों के लोग बिहार में शराबबंदी की सफलता और समाज में आए सकारात्मक बदलाव का अध्ययन कर रहे हैं। कुछ पढ़े-लिखे लोगों को भी शराबबंदी के कारण कष्ट है। जिससे वे अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। कुछ लोगों को मुझसे चिढ़ है कि गड़बड़ करने का मौका नहीं मिल रहा है। पहले शराबी जहां-तहां खुलेआम हंगामा करते मिल जाते थे। आज अगर कोई चोरी छुपे कहीं और जाकर शराब पी भी लेता है, तो खुलेआम हंगामा करने की उसकी हिम्मत नहीं है। बिहार में हमने कानून का राज स्थापित किया। वरना गुजरे जमाने में तो गांव-देहात की बात दूर राजधानी पटना में भी अपराधी बंदूक लहराते हुए खुलेआम घूमते थे।
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