संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। कोरोना (Coronavirus) संकट को लेकर रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर 22 मई को विपक्षी दलों की बुलाई गई। बैठक में राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) गुस्से में नजर आए। दरअसल तेजस्वी यादव का गुस्सा सरकार के खिलाफ था। केंद्र और राज्य सरकार के रवैये से नाराज नेता प्रतिपक्ष ने सोनिया सहित 21 अन्य दलों के नेताओं के सामने यहां तक कह डाला कि बिहारियों को बीमारी कहा जा रहा है। क्वॉरेंटाइन सेंटर में उनके साथ ज्यादती हो रही है और बिहार में वापस आने पर उन्हें बीमारी लाने वाले के तौर पर गाली सुनना पड़ रहा है।
तेजस्वी यादव ने सोनिया गांधी के सामने दो टूक कह दिया कि विपक्ष केंद्र सरकार की नाकामियों को उजागर करने में विफल रहा है। तेजस्वी ने कहा कि हमें एकजुटता दिखाते हुए सरकार की नाकामियों को प्रचारित करना होगा। केंद्र सरकार से लोगों की नाराजगी बढ़ी हुई है। हम सरकार की नाकामियों को सामने नहीं ला पा रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि यूपीए सरकार की उपलब्धियां भी हमें गिनानी होगी। जिनमें मनरेगा जैसी योजना प्रमुख है। कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आना बेहद मुश्किल है, क्योंकि देश के अलग-अलग राज्यों में काम करने वाले बिहारी मजदूर अब वापस जाने को तैयार नहीं है।
तेजस्वी ने सोनिया गांधी सहित अन्य विपक्षी नेताओं के सामने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी लगातार प्रवासियों के संपर्क में है। क्वॉरेंटाइन सेंटर से लेकर वहां से बाहर निकलकर घर पहुंचे प्रवासियों से कार्यकर्ता संपर्क बनाये है। प्रवासी मजदूरों का साफ तौर पर कहना है कि वह बिहार छोड़कर अब वापस नहीं जाने वाले है। ऐसे में इन प्रवासी मजदूरों के बिहार में रहने से देश के अन्य राज्यों में कल कारखाने कैसे चलेंगे। इस पर भी बड़ा संकट है ताकि हमें श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव का खुलकर विरोध करना होगा।
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