जलजमाव से जूझ रहा स्मार्ट सिटी

बारिश के पानी में तैर रहे हैं शहरवासी

प्रहरी संवाददाता/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर (Smart city Muzaffarpur) जलजमाव से जूझ रहा है। बाजार हो या गली-मोहल्ले वासी बारिश के पानी में तैर रहे हैं। सदर अस्पताल भी बारिश के पानी में डूबा है। सरकारी बस स्टैंड की हालत भी खराब है। जवाहर लाल मार्ग, मोतीझील, केदारनाथ मार्ग, आमगोला मार्ग, चंद्रलोक चौक, स्टेशन मार्ग, क्लब मार्ग, चर्च मार्ग, जिला स्कूल मार्ग, गोला बांध मार्ग, पंकज मार्केट मार्ग, पड़ाव पोखर आदि जलजमाव से पूरी तरह प्रभावित हैं।

जिले में संभावित बाढ़ के परिप्रेक्ष्य में प्रभावित क्षेत्रों के सतत निगरानी के साथ-साथ राहत व बचाव कार्य के लिए नोडल पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने इसको लेकर 20 जून को आदेश भी जारी किया है। सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के पीएचसी में आवश्यक दवाओं का स्टॉक किया जाएगा। सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित रहने वाले औराई, कटरा, गायघाट, बोचहां, मीनापुर, बंदरा इलाके के प्रभारी को दवाओं का उठाव कर लेना है। सुरक्षा व बचाव के लिए औराई व कटरा में छोटी एंबुलेंस दी गई है।

औराई : बागमती नदी के जलस्तर में 20 जून को दूसरे दिन भी वृद्धि जारी रही। मधुवनप्रताप, बभनगामा पश्चिमी, हरनी टोला, भरथुआ दक्षिण टोला, चहुंटा दक्षिणी टोला, चैनपुर समेत कई गांव के चारों तरफ बाढ़ का पानी फैलना शुरू हो गया है।
अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद ने बताया क‍ि शहर को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए नगर निगम की पूरी टीम लगी है। जहां-जहां पानी निकलने में अवरोध पैदा हो रहा है वहां की सफाई की जा रही है। पूर्व में की गई उड़ाही से ही बाजार से पानी दो-तीन घंटे में निकल जा रहा है।

कटरा: यहां बागमती नदी के जलस्तर में मामूली वृद्धि के साथ स्थिति सामान्य है। आवागमन की वैकल्पिक व्यवस्था कर ली गई है। 20 जून को बेनीबाद और कटौझा में बागमती नदी खतरे के निशान को पार कर गई। अधवारा नदी का पुपरी में और बूढ़ी गंडक का सिकंदरपुर में, गंडक नदी का हाजीपुर और लालगंज में जलस्तर बढ़ रहा है। अन्य स्थानों पर गंडक, बूढ़ी गंडक और अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के नीचे रहा। मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर 48.87 मीटर रहा। यहां खतरे का निशान 48.68 मीटर है। वहीं, बूढ़ी गंडक नदी का सिकंदरपुर में जलस्तर 46.12 मीटर रहा है।

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