पत्रकारों ने पुलिस के खिलाफ राज्यपाल को सौपा ज्ञापन
विशेष संवाददाता/ सिवान (बिहार)। सदर अस्पताल के नव नियुक्त डॉक्टर के महज एक इशारे पर सिवान टाउन इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने मामले को बिना समझे दैनिक जागरण के पत्रकार आशुतोष कुमार अभय की जमकर पिटाई कर हवालात में बंद कर दिया। जबकि इंस्पेक्टर भली भांति पत्रकार से परिचित हैं। इस मामले को लेकर सिवान जिला के पत्रकार संगठनों ने जेपी चौक पर धरना दिया व प्रशासन को 6 सूत्री मागों की प्रतियां सौंपी है।
मिली जानकारी के अनुसार सिवान जिला के पत्रकार संगठनों द्वारा प्रशासन को दिये गए 6 सूत्री मागों के आलोक में प्रशासन ने निष्पक्ष जांच के लिए 48 घंटों का समय लिया है। वहीं सिवान टाउन इंस्पेक्टर सुबोध कुमार द्वारा जानते हुए अंजान बनकर दैनिक जागरण के पत्रकार आशुतोष कुमार अभय को जनता के बीच जलील करने के मामले में संगठन द्वारा राज्यपाल को भी उपरोक्त ज्ञापन की प्रतियां दी गई है।
गौरतलब है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सारण जिला पत्रकार संघ के प्रतिनिधि मंडल द्वारा सारण जिला प्रमंडल के आयुक्त नर्मदेशवर लाल के हाथों बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को प्रति भेजी गई है। ताकि राज्यपाल महोदय उपरोवत विषय पर उचित कार्रवाई के साथ-साथ पत्रकारों के ज्ञापन पर गौर कर सकें। ज्ञापन देने वालों में संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, मनोज कुमार सिंह, महासचिव पंकज कुमार, संगठन सचिव जाकिर अली आदि वरिष्ठ पत्रकार मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि सिवान जिला से प्रकाशित दैनिक आज के प्रभारी अरविंद पांडेय ने बताया की मौजूदा कानून के मुताबिक पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा लिया गया फैसला सरासर गलत था। उन्होंने मजह डॉक्टर के कहने पर वरिष्ठ पत्रकार को न केवल मारा बल्कि उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला भी दर्ज कर दिया। जो कि एक थाना प्रभारी को शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा की मौजूदा कानून के मुताबिक आम आदमी हो, अपराधी हो या फिर कोई गणमान्य के साथ अनायास मार-पीट करना भी अपराध के दायरे में आता है। बहरहाल अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को सुलझाने के लिए 48 घंटों का समय लिया है।
वहीं सारण जिला प्रमंडल के आयुक्त नर्मदेशवर लाल और बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद क्या कदम उठाते हैं। वहीं एएनआई के वरिष्ठ पत्रकार एड. विजय पांडेय ने कहा है कि इस मामले की प्रति प्रेस क्लब ऑफ इंडिया को भी भेजी जा रही है। हालांकि सिवान और सारण जिला के पत्रकार संगठनों ने यह फैसला किया है कि उचित कार्रवाई नहीं होने पर हमारा धरना जारी रहेगा। पत्रकार संगठनों का कहना है कि अगर यहां से मामला तय नहीं हुआ तो हम लोग इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
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