चिराग पासवान मामले पर साधी चुप्पी
संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार में एक तरफ़ कोरोना (Coronavirus) की मार तो दूसरी तरफ़ बाढ़ का क़हर जारी है। दोहरी मार से परेशान बिहार सरकार की तरफ़ से कई क़दम उठाए जा रहे हैं। वहीं विपक्ष लगातार हर मुद्दे पर हमलावर मोड में है। चाहे तय वक़्त पर चुनाव कराने का मामला हो या फिर प्रधान स्वास्थ्य सचिव को तीसरी बार बदलने का मुद्दा। पक्ष-विपक्ष में बहस तेज़ है।
वार पलटवार के बीच जेडीयू (JDU) के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने 28 जुलाई को आरजेडी पर निशाना साधा है। त्यागी ने आरजेडी के चुनाव टालने के रुख़ का कारण पराजय का डर बताया है। मिडिया से बात करते हुए त्यागी ने कहा कि चुनाव कब होगा, कैसे होगा यह सारा प्रबंधन चुनाव आयोग के अंतर्गत आता है। यह जेडीयू और मुख्यमंत्री की इच्छा से तय नहीं होता। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा का ख़ुद का आकलन है कि बिहार में चुनाव स्थगित करने का प्रश्न ही नहीं है।
आयोग ने राज्य में लगभग 34 हजार नए बूथ निर्माण के सुझाव दिए हैं। मतदान का समय बढ़ाया जा सकता है। सोशल डिसटेंसिंग का ख़्याल रखा जाएगा। मास्क और सेनिटाइजेशन की व्यवस्था होगी और कुछ तकनीकी प्रक्रिया भी अपनायी जाएगी। उन्होंने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनकी पराजय तय है वे इस तरह की मांग में लगे हैं कि चुनाव टाला जाए।
हालांकि त्यागी ने एलजेपी के चुनाव टालने की मंशा पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। दरअसल एलजेपी अध्यक्ष चिराग़ पासवान की तरफ से कई बार ऐसे सवाल उठाए जाते रहे हैं। जो जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए परेशानी का कारण रहा है। ऐसे में चुनाव से पहले जेडीयू सहयोगी एलजेपी से उलझने के बजाय विरोधी आरजेडी पर हमलावर दिख रही है। इसलिए बार-बार पूछे जाने के बावजूद भी केसी त्यागी ने एलजेपी के बजाय निशाने पर आरजेडी को ही रखा।
इधर जेडीयू के हमले पर आरजेडी (RJD) ने भी पलटवार किया। चुनाव को लेकर त्यागी के बयान पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने मीडिया से कहा कि जय- पराजय का फ़ैसला अवाम करती है। केसी त्यागी ज़रा उनलोगों से एक बार पूछ लें जिन्होंने अपने लोगों को खोया है या जिनके घर के लोग वेंटिलेटर पर हैं। लोकतंत्र के महोत्सव के बारे में वे क्या सोच रहे हैं। उनकी जिंदगियों में बहुत तबाही मची है। हमारे लिए चुनाव का मुद्दा बाद में है और हम पहले ज़िंदगी बचाने के लिए सरकार को सलाह, सुझाव और आगाह कर रहे हैं। चुनाव कब होगा यह चुनाव आयोग के हाथ में है। इस मुद्दे पर जेडीयू और आरजेडी खुलकर सामने आ गए हैं।
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