अमन-शांति का नाम हैं श्रीराम
संवाददाता/ जीरादेई/ सिवान (बिहार)। पुखडेडा गांव (Pukhdeda Villege) में सोमवार की सुबह एक दिवसीय राम कथा (Ram Katha) का भव्य आयोजन किया गया। भाजपा युवानेता राजेश कुमार के द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक व मानस मर्मज्ञ परम् पूज्य राजन जी महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के गुणों को गिनना असंभव है, परंतु उनके गुण प्रोत्साहन, रणनीति श्रीराम को मैनेजमेंट गुरु की संज्ञा दिलाता है।
महाराज ने कहा की प्रभु श्रीराम (Prabhu ShreeRam) का सबसे बड़ा गुण दूसरों को प्रोत्साहित करना था। यह कार्य उन्होंने बचपन से ही किया। अपने दोस्तों, भाइयों, अयोध्यावासियों को समय समय पर प्रोत्साहित किया, तभी तो बानर व भालू जैसे मामूली से समझे वाले जीवों ने भी लंका की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। इस युद्ध में नन्ही सी गिलहरी ने भी सेतु निर्माण में सहयोग दिया। महाराज ने बताया की यदि श्रीराम चाहते तो क्षणभर में लड़ाई को समाप्त कर सकते थे, परंतु वे जनमानस को इतना ताकतवर बनाना चाहते थे की लोग रक्षकों से न डरें। इसलिये उन्होंने हर एक को युद्ध में पराक्रम दिखाने का मौका दिया। दया के सागर श्रीराम ने हर अच्छे कार्य का श्रेय दूसरों को दिया।
रावण वध, लंका विजय का श्रेय गुरु वशिष्ट व भालू एवं बानरों की सेना को देते हैं। भगवान श्रीराम दोस्त -दुश्मन दोनों के मूल्य को समझे थे तभी तो मृत्यु शैय्या के निकट रावण के पास लक्ष्मण को ज्ञान की बातें सीखने के लिये भेजे। महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम दूरदृष्ठि थे। उन्हें पता था कि जनसमुदाय के लिये राक्षस जाति का समूल नाश जरूरी है। उनके राज्य में शेर बकरी एक घाट पर पानी पीते थे। श्रीराम का विचार था कि जिस देश की जनता दुखी होगी वहां का राजा नरक का भागीदार होगा।
राजन महाराज ने कहा कि राम राष्ट्रवाद के परिचायक है तथा इनका जीवन शांति व अमन का पैगाम दिलाता है और श्रीराम कथा तो कामधेनु है। इस अवसर पर महाराज को जय प्रकाश उच्च विद्यालय विजयीपुर के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने शाल व प्राचीन कुसीनारा का एक अध्ययन पुस्तक सप्रेम भेंट किया। वहीं नगरवासियों ने राजन महाराज का भव्य स्वागत किया। इस मौके पर रेल मंत्री के निजी सचिव हरिचरण सिंह, आचार्य अवधकिशोर ओझा, राष्ट्र सृजन अभियान के राष्ट्रीय सचिव ललितेश्वर राय, राणा प्रताप सिंह, कृष्ण कुशवाहा, अरुण गुप्ता, दिलीप राय, अर्जुन कुशवाहा, भाजपा नेता रमेश कुमार सिंह, डॉ. रामा जी सिंह, अजित पांडेय राजेश कुमार, मनोज राम, व्यास हरेराम शर्मा, प्रमोद शर्मा, मुसाफिर कुशवाहा, गोविंद शर्मा, श्याम लाल कुशवाहा, अंकित ओझा, बंधु तिवारी, मनोज मांझी, ललन चौहान, घनश्याम सिन्हा, अंगद प्रसाद आदि मान्यवर उपस्थित थे।
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