संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने बहु प्रचारित गरीब कल्याण रोजगार योजना की शुरूआत बिहार के खगड़िया से करेंगे। 20 जून को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री इसकी शुरूआत करेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 18 जून को प्रेस कांफ्रेंस इस योजना की जानकारी दी। गरीब कल्याण रोजगार योजना पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। वे इसकी शुरूआत बिहार से करने जा रहे हैं। चर्चा ये है कि कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार को खास तवज्जो दी जा रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के 6 राज्यों के 116 जिलों में गरीब कल्याण रोजगार योजना की शुरूआत की जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा जिले बिहार के हैं। बिहार के 32 जिलों को इस ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है।वित्तमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को काम दिये जायेंगे। केंद्र सरकार ने ये खास अभियान चलाया है जिसमें 125 दिनों तक मजदूरों को काम उपलब्ध कराया जायेगा। मजदूरों को रोजगार देने के लिए 25 अलग अलग प्रकार के कामों को तय किया गया है। केंद्र सरकार की इस मुहिम के तहत 116 जिले के ग्रामीण इलाकों में 50 हजार करोड़ रुपए का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि इन 116 जिलों में बिहार के 32 जिला, उत्तर प्रदेश के 31 जिला, मध्य प्रदेश के 24 जिला, राजस्थान के 22 जिला, उड़ीसा के 4 जिला तथा झारखंड के 3 जिलों को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार ने पहले ही इसकी जानकारी ली थी कि कोरोना के कारण लॉकडाउन में देश के किन जिलों में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस घऱ लौटे हैं। ये वही 116 जिले हैं जहां सबसे ज्यादा मजदूर वापस लौटे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि गरीब रोजगार कल्याण योजना से दो तिहाई प्रवासी मजूदरों को काम मिल जाने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार ने अपने गरीब कल्याण रोजगार अभियान को सफल बनाने के लिए 12 अलग-अलग मंत्रालय और विभागों को एक साथ लगाया है। इनमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे, माइंस, ड्रिंकिंग वाटर एंड सैनिटाइजेशन, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम, बॉर्डर रोड, टेलीकॉम और एग्रीकल्चर जैसे मंत्रालय मिलकर काम करेंगे। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस मुहिम को सफल बनायेंगी। देश के इन सभी 116 जिलों में कामगारों के स्किल मैपिंग का काम होगा और फिर उन्हें रोजगार मिलेगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि गरीब रोजगार कल्याण योजना के लिए 25 अलग-अलग प्रोजेक्ट्स की पहचान की जा चुकी है। इसमें उन प्रवासी मजदूरों को काम दिया जाएगा जो कोरोना के कारण शहरों से वापस लौटे हैं। उन्हें रोजगार देने और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए सरकार 50 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। वित्तमंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत आनेवाले समय में और जिलों को जोड़ा जा सकता है। इस अभियान के लिए जो 50 हजार करोड़ रुपए दिया जाएगा वह आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ही हिस्सा होगा।
प्रधानमंत्री अपने इस बहुप्रचारित योजना की शुरूआत बिहार के खगड़िया से करने जा रहे हैं।ऐसे में सवाल उठता है कि क्या निगाहें बिहार विधानसभा चुनाव पर है। बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाला है।क्या इस कारण ही केंद्र सरकार बिहार पर ज्यादा ध्यान दे रही है?
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