पटना। बिहार में नई सरकार बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने इसे खारिज कर दिया। नीतीश कुमार को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट उन दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिसमें राज्यपाल द्वारा नीतीश कुमार को सरकार बनाने के लिए बुलाया गया था। कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि नीतीश कुमार और राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने नई सरकार बनाने के फैसले के दौरान नियमों की अनदेखी की है।
नितीश कुमार की जेडीयू अब बीजेपी के साथ सरकार में है। महागठबंधन की सरकार के जाते ही आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार के ऊपर एक केस का जिक्र किया। इसी के साथ जेडीयू ने पटना हाई कोर्ट में नीतीश सरकार के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। याचिका में विधानसभा में हुए ताजा बहुमत परीक्षण से जुड़े मसले पर सुनवाई हुई।
पटना हाईकोर्ट में यह याचिका मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने दो अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने के लिए आज की तारीख निर्धारित की थी। कोर्ट ने 28 जुलाई को राजद की याचिका मंजूर कर ली थी। 28 जुलाई को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 30 जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ।
बता दें कि बीजेपी के समर्थन से बनी नीतीश सरकार ने 27 जुलाई को शपथग्रहण किया था और आरजेडी लगातार विरोध कर रही है। सरकार के गठन के खिलाफ कोर्ट में पहली याचिका बड़हरा के राष्ट्रीय जनता दल विधायक सरोज यादव और अन्य ने दायर की थी जबकि दूसरी याचिका नौबतपुर के समाजवादी नेता जितेन्द्र कुमार ने दायर की थी।
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