जगत प्रहरी की खबर पर एनआरएचएम फर्जीवाड़े में जांच के आदेश

65 साल की बुजुर्ग ने 13 महीने में 8 बच्चे को दिया जन्म

संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। जगत प्रहरी द्वारा 19 अगस्त को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में भारी फर्जीवाड़े के खेल का खुलासा किये जाने के बाद अब जांच के आदेश दिए गए हैं। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने 20 अगस्त को इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के ईडी मनोज कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा है। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि इस मामले में जांच में जो लोग भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

उनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग कड़ी कार्रवाई करेगी। दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन ने जगत प्रहरी में खबर छपने के बाद 4 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। यह जांच टीम 21 अगस्त से मुशहरी और छोटी कोठिया सहित पूरे इलाके में हुई गड़बड़ी का पता लगाएगी। सिविल सर्जन डॉक्टर एस पी सिंह ने कहा कि मुशहरी पीएचसी के प्रभारी डॉ उपेंद्र चौधरी से इस मामले में तत्काल शो कॉज पूछा गया है। चार सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट आते ही दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के सिविल सर्जन डॉक्टर एसपी सिंह ने मुजफ्फरपुर के सभी 16 पीएचसी से योजना से जुड़ी दस्तावेज की मांग की है। वर्ष 2019 तक इस योजना में ऑडिट हुआ था, लेकिन किसी प्रकार की गड़बड़ी सामने नहीं आई थी। हालांकि जगत प्रहरी के खुलासे के बाद यह साफ हो रहा है कि वित्तीय वर्ष 2018-2019 और 2019-2020 में लगातार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। एक ही योजना में को बार-बार उन लोगों को 14 सौ रुपये का भुगतान किया गया, जो इस योजना के कहीं से भी योग्य नहीं थे।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बड़ा घोटाला सामने आया है। बुजुर्ग और उम्रदराज महिलाओं के खाते में योजना मद की राशि डालकर पैसे का बंदरबांट की जा रही है। लाभुकों को पता भी नहीं चल रहा है कि उसके खाते में सरकारी राशि डालकर बिचौलियों द्वारा रुपये की निकासी की जा रही है। हद तो इतनी हो गई है कि 13 माह के भीतर 8 बार एक महिला द्वारा 8 बच्चे  का जन्म होना दिखाकर सरकारी पैसे का गबन किया गया है। वर्ष 2018 से इस योजना में सेंधमारी की गई है और अधिकारियों और बैंक के सीएसपी संचालक की मदद से भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। बुजुर्ग महिलाओं के खाते में पैसे डाल कर निकासी कर ली गई।

मुजफ्फरपुर शहर से सटे मुशहरी प्रखंड के छोटी कोठिया गांव की रहने वाली  शांति देवी, सोनिया देवी, लीला देवी और सोनी देवी के खाते में प्रोत्साहन राशि डाली गई। इनमें से 65 साल पार कर चुकी 3 महिलायें हैं। शांति देवी का सबसे छोटा बेटा 20 साल से अधिक उम्र का है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग शांति देवी के खाते में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बच्चे को अस्पताल में जन्म देने पर मिलने वाली 14 सौ रुपये की राशि भेज रही है। 

जबकि शांति देवी को सरकार द्वारा वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिल रहा है और पिछले 20 सालों में शांति देवी ने किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया है। शांति देवी के खाते में एक बार नहीं बल्कि 13 माह के भीतर 6 बार 14 सौ रुपये की राशि भेजी गई है। पहली बार 3 जुलाई 2019 को स्वास्थ्य विभाग ने 14 सौ रुपये खाते में भेजे। 3 जुलाई 2019 को ही फिर से शांति देवी के खाते में फिर से 14 सौ रुपये भेजे गये। यानि एक ही डेट में दो बार स्वास्थ्य विभाग ने राशि भेजी। इस के बाद यह सिलसिला चलता रहा और हरेक 3 माह पर खाते में 14 सौ रुपये की राशि आ रही है। अंतिम बार इस माह में 3 अगस्त को 14 सौ रूपये खाते में भेजी गई है। हालांकि शांति देवी को एक बार भी रुपये नहीं मिले। इनके खाते से राशि क्रेडिट होने के अगले दिन ही रुपये निकाल भी लिये गए।

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