बाढ़ग्रस्त इलाका घोषित करने व् मुआवजे की मांग पर माले का धरना

प्रहरी संवाददाता/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बाढ़ग्रस्त इलाका घोषित कर युद्धस्तर पर राहत कार्य चलाने एवं मुआवजा देने की मांग को लेकर 4 अगस्त को भाकपा माले के बैनर तले समस्तीपुर शहर के विवेक-विहार मुहल्ला में एक दिवसीय धरना दिया गया। साथ ही मांगे नहीं मानने पर आन्दोलन को और तेज करने की बात कही गयी।

मांगो में मुख्य रूप से उत्तर- पूर्व बिहार (Bihar) को बाढ़ग्रस्त इलाका घोषित करने, बाढ़ पीड़ित परिवारों को 25- 25 हजार रूपये मुआवजा देने, बाढ़ से घिरे परिवारों को फूड पैकेट्स, मवेशियों के लिए पर्याप्त चारा उपलब्ध कराने, पर्याप्त संख्या में नाव, बटाईदार समेत सभी किसानों को 20 हजार रूपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की व्यवस्था करने, खेतिहर मजदूर एवं प्रवासी मजदूरों को 7500 रू० मासिक भत्ता देने, उत्तर-पूर्व बिहार के लोगों के लिए दो मंजिला मकान बनाने, बाढ़-सुखाड़ का स्थाई समाधान करने, बाढ़ राहत को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग सरकार से की गई।

धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने किया। मौके पर उपस्थित माले कार्यकर्ता मो० सगीर, मिथिलेश कुमार, मो० लाल, मनोज शर्मा, ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह आदि ने कार्यक्रम में भाग लेकर अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में माले नेता सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि तत्कालीन बाढ़ प्राकृतिक नहीं सरकार निर्मित आपदा है।

मुआवजा एवं राहत के नाम पर उपर से नीचे तक लूट मचाने के लिए बाढ़ का इस्तेमाल किया जाता है। यदि ऐसा नहीं है तो क्यों नहीं बाढ़ और सुखाड़ का स्थाई समाधान के तहत नदी की गाद, नहर की सफाई, नहर निकासी योजना को मजबूती से लागू किया जाता है। माले नेता ने बाढ़ के नाम पर सरकारी लूट को लेकर अधिकारी, इंजिनियर से लेकर विधायक, मंत्री आदि पर जमकर बरसते हुए सरकारी लूट पर रोक लगाने अन्यथा आंदोलन तेज करने की घोषणा की।

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