पटना। महागठबंधन से अलग हो कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने से नीतीश कुमार से नाराज शरद यादव ने अब चुप्पी तोड़ी है। पूर्व एनडीए संयोजक शरद यादव ने कालेधन को लेकर बीजेपी को निशाने पर लिया। जदयू के वरिष्ठ नेता ने रविवार की सुबह एक ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘न ही विदेशों में जमा कालाधन भारत लाया गया है, जो कि सत्ता में बैठी पार्टी का मुख्य स्लोगन था और न ही पनामा पेपर्स मामले में जिनका नाम है उनमें से किसी को पकड़ा गया है।’
इससे पहले भी शरद यादव ने शुक्रवार और शनिवार को भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कई ट्वीट किए थे। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था, ‘सरकार कई सेवाओं के नाम पर जनता से काफी सेस अर्जित करती है, लेकिन फिर भी देश में किसी भी क्षेत्र में सुधार नहीं दिख रहा है।’ इससे पहले उन्होंने केंद्र की महत्वाकांक्षी फसल बीमा योजना पर भी सवाल उठाते हुए कहा था, ‘दूसरी योजनाओं की तरह फसल बीमा योजना भी सरकार की असफलता है, जिसके द्वारा केवल प्राइवेट बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया।’
बताया जाता है कि शरद यादव महागठबंधन तोड़े जाने के पक्ष में नहीं थे। पार्टी के कुछ नेताओं ने इसके संकेत दिए थे कि शरद यादव नीतीश के भाजपा के साथ सरकार बनाने के कदम से नाराज हैं। नीतीश और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की, लेकिन वह अब भी ‘नई दोस्ती’ से असहज हैं।
इस बीच आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव शरद यादव को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुट गए हैं। उन्होंने शरद से आरजेडी जॉइन करने की अपील की है। लालू ने बताया कि इस सिलसिले में उन्होंने शरद यादव से फोन पर बात भी की है। लालू ने शनिवार को कहा, ‘मैंने शरद यादव से फोन पर बात की है। मैं उनसे अपील करता हूं कि आइये और देश के हर कोने में जाकर इस लड़ाई की कमान अपने हाथों में लें।’ इसके अलावा लालू ने सोशल मीडिया पर भी शरद यादव से साथ आने की अपील की।
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