संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। कोरोना को लेकर बिहार (Bihar) में मचे हाहाकार के बीच सरकार के कारनामे हर रोज उजागर होते जा रहे हैं। कटिहार में कोरोना (Coronavirus) के लक्षण वाला मरीज अपनी जांच के लिए लगातार अस्पताल का चक्कर लगाता रहा। लेकिन उसका सैंपल नहीं लिया गया। मरीज तब हैरान रह गया जब बिना सैंपल लिए ही सरकार ने उसके मोबाइल पर सूचना दे दी कि उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव है। मरीज हैरान-परेशान। कोई सरकारी अधिकारी उसे सही जानकारी देने तक को तैयार नहीं है।
कटिहार के रहिवासी रमेश प्रसाद ने अपनी कहानी मीडिया को बतायी है। उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से उनकी तबीयत खराब है। लक्षण कोरोना वाले ही हैं। घऱ वालों ने उन्हें टेस्ट कराने की सलाह दी। इसके बाद वे पिछले तीन दिनों से अपना टेस्ट कराने के लिए कटिहार सदर अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। कई बार दौड़ने के बाद उनसे कहा गया कि वे जांच के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा लें।
रमेश प्रसाद ने अपना आधार कार्ड और मोबाइल नंबर देकर सदर अस्पताल में अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया। रमेश प्रसाद ने बताया कि सरकारी अस्पताल में उन्हें बताया गया था कि 20 जुलाई को उनका सैंपल लिया जायेगा। लेकिन सैंपल देने से पहले ही 19 जुलाई को उनके मोबाइल पर राज्य सरकार की ओर से मैसेज आ गया। मैसेज में कहा गया है कि उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव पायी गयी है। राज्य सरकार का मैसेज देख कर रमेश प्रसाद और उनके परिजन हैरान हैं।
कटिहार (Katihar) का ये वाकया हैरान कर देने वाला है। जब मरीज ने सैंपल दिया ही नहीं तो जांच रिपोर्ट कैसे आ गयी। इससे ये भी लग रहा है सरकार की ओर से लोगों को गलत रिपोर्ट दिया जा रहा है। लेकिन इन सबके बीच कटिहार के रमेश प्रसाद परेशान हैं। उन्हें कटिहार में स्वास्थ्य विभाग का कोई अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
पहले भी कटिहार में कोरोना मरीजों के साथ सरकारी अस्पतालों में जानलेवा लापरवाही बरतने के मामले सामने आ चुके हैं। कटिहार सदर अस्पताल में हाल ही में डॉक्टरों की लापरवाही से एक मरीज की जान चली गई। मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया था कि ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीज की तड़प तड़प कर मौत हो गई थी।
परिजनों ने कहा था कि पेट दर्द और खांसी की शिकायत पर बुजुर्ग हरिप्रसाद को सदर अस्पताल लाया गया था। कई घंटे बीत जाने के बावजूद डॉक्टर ने उनका इलाज नहीं किया। इस दौरान परिजन बार-बार ऑक्सीजन लगाने की गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने नोटिस नहीं लिया। मरीज की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने सदर अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया था।
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