संतोष झा/ मुज़फ्फ़रपुर (बिहार)। चमकी बुखार से पीड़ित एक बच्ची के इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया है। इलाज में लापरवाही के कारण 8 साल की बच्ची की मौत हो गई। परिजनों की आपत्ति के बाद विभागीय जांच में इलाज करने वाले डॉक्टर की लापरवाही सामने आई है। सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए डॉक्टर को सेवा मुक्त कर दिया है। स्वास्थ विभाग की तरफ से जिस डॉक्टर के खिलाफ एक्शन लिया गया है डॉ अनिल कुमार सिंह कांटेक्ट पर काम करने वाले हैं चिकित्सा पदाधिकारी हैं। जिनके खिलाफ एक्शन लिया गया हैं।
डॉक्टर पर आरोप है कि मुजफ्फरपुर के औराई की रहने वाली एक आठ साल की बच्ची को बीते 11 मई को पीएचसी रुन्नीसैदपुर लाया गया। डॉक्टर ने देखने के बाद उसे गलत दवा दे दी। उसके बाद उसे एसकेएमसीएच रेफर कर दिया। इस लापरवाही के कारण 15 मई को बच्ची की मौत हो गई।आरोप है कि हॉस्पिटल में चमकी बुखार के इलाज के लिए सारी व्यवस्था, उपकरण और दवा होने के बावजुद आरोपित डाक्टर संवेदनहीनता दिखलाते हुए बगैर सही से इलाज किए मरीज को रेफर कर दिया।
बेहोशी की हालत में एसकेएमसीएच में बच्ची को बचाने का हर प्रयास किया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। ऐसे लापरवाह संविदा नियोजित डॉक्टर की जरूरत नहीं है।इनकी सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए इनका भविष्य में संविदागत एवं नियमित नियोजन की अहर्ता समाप्त की जाती है। इनकी मेडिकल रजिस्ट्रेशन करने की अनुशंसा बिहार मेडिकल काउंसिल से किया गया है।
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