नहीं तो होगा विस् चुनाव का बहिष्कार
प्रहरी संवाददाता/ हथुआ (गोपालगंज)। सरकारी सुविधाओं से वंचित हथुआ अनुमंडल का टोला डोमाहाता (Domahata) के मतदाता आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly election) का बहिष्कार करने के मूड में हैं। चूंकि यहां के प्रतिनिधियों द्वारा मतदाताओं की अनदेखी की जा रही है। इससे किसान व ग्रामीणों की समस्याएं दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। इस गांव में पानी, सड़क और जल निकसी के लिए कोई नाला या नाली नहीं है। इसके बाद भी यह के विकास पदाधिकारी अपनी पीठ थप थापते फिर रहे हैं।
गौरतलब है कि गुरुवार को घंटो हुई मूसलाधर बारिश ने बीडीओ, विधायक और मुखिया व सरपंच के विकास कार्यो की पोल खोल दी है। इसे सहज ही देख जा सकता है। हथुआ अनुमंडल के टोला डोमाहाता के साधारण ग्रामीणों ने कुछ कहने के बजाय जिलाधिकारी व संबंधित अधिकारियों को इस इस गांव का दौरा करने का न्यौता दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव के लोगों की शिकायतों को संबंधित अधिकारी व कर्मचारी नजरअंदाज कर देते है। जिसके कारण हम लोगों ने शिकायत करना बंद कर दिया है।
अब यहां के ग्रामीणों को चुनाव का इंतजार है। यहां के लोगों का यह भी कहना है कि वोटों की राजनीति करने वाले उम्मीदवारों को इस परिसर इंट्री नहीं दी जाएगी। क्योंकि अब तक जिसे भी हमलोगों अपना प्रतिनिधि चुना, वह निकम्मा साबित हुआ। घनी आबादी वाले इस गांव का हर इंसान किसी न किसी कारण परेशान है। खुशहाली का दावा करने वाली नीतीश सरकार की पोल हथुआ अनुमंडल के अधिकारी खुद खोल रहे है। जिसके कारण राजनीति दलों को चुनावी मुद्दा बनाने में असुविधा होगी।
इन मुद्दों पर संवाददाता ने ग्रामीणो के साथ-साथ अनुमंडलीय विकास पदाधिकारी से उनके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन उनसे लगभग पूरे दिन संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद हथुआ (Hathua) की मुखिया गुड़िया देवी के प्रतिनिधि उपेंद्र शर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने लॉक डाउन का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब तक डोमाहाता के लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित रहेंगे? वोटों की राजनीति में कबतक बलि का बकरा बनते रहेंगे। स्थानीय लोगों के अनुसार टोला डोमाहाता के मतदाताओं ने फैसला किया है कि राजनीति की चक्की में पीसने के बजाय आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
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