प्रहरी संवाददाता/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने 20 जून को जिले में बाढ़ पूर्व किए गए तैयारियों की समीक्षा को लेकर समाहरणालय सभा कक्ष में समिक्षा बैठक की। बैठक में डीएम डॉ सिंह ने सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया।
अपर समाहर्ता आपदा अतुल कुमार वर्मा ने संभावित बाढ़ 2020 को लेकर अब तक किए गए तैयारियों से जिलाधिकारी को अवगत कराया। बैठक में उप विकास आयुक्त उज्जवल कुमार सिंह,अपर समाहर्ता राजेश कुमार,दोनो अनुमंडल पदाधिकारी के साथ जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं बाढ़ सुरक्षा से संबंधित तकनीकी विभागों के पदाधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे। बैठक में गंडक, बूढ़ी गंडक और बागमती प्रमंडल के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि हाल के दिनों में लगातार मानसूनी वर्षा के कारण कुछ समस्याएं सामने आई हैं। परंतु अभी जिले में बाढ़ की स्थिति बिल्कुल नहीं है।
बैठक में मुख्य रूप से जिले के बाढ़ प्रवण प्रखंडों विशेषकर औराई, कटरा और गायघाट को लेकर विशेष रूप से समीक्षा की गई। बाढ़ प्रवण प्रखंडों में नाव की उपलब्धता, तटबंधों की स्थिति,जल स्तर एवं वर्षापात की स्थिति, मानव एवं पशु दवाओं की उपलब्धता, कटाव रोधी कार्य इत्यादि के संबंध में समीक्षा की गई। बैठक में बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया कि बागमती नदी में बढ़े हुए जलस्तर के कारण तटबंध के अंदर के गांव और पंचायत प्रभावित हो रहे हैं।
मुख्य रूप से उनका संपर्क प्रभावित हो रहा है। औराई में हालात स्थिर और नियंत्रण में है। बताया गया कि औराई के अतरार घाट पर चचरी पुल पर दबाव बन गया है।इसे देखते हुए अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी को निर्देशित किया गया कि वे जल संसाधन के टीम के साथ जाकर हालात का जायजा लें और देखें कि उक्त चचरी पुल सुरक्षित है कि नहीं। यदि असुरक्षित है तो तत्काल उसपर आवागमन बंद कराना सुनिश्चित किया जाए। वहीं कटरा प्रखंड के तहत बाँसघट्टा में चचरी पुल पर दबाव तथा चामुंडा स्थान पर पीपा पुल पर दबाव की बात सामने आई है। इसे देखते हुए अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे जाकर तत्काल उसका निरीक्षण कर प्रतिवेदेन उपलब्ध कराय।उक्त सभी जगहों पर आवश्यकतानुसार नाव भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
वहीं बैठक में बताया गया कि गायघाट की स्थिति अभी नियंत्रण में है। गायघाट के भटगावां, जगनिया, हरपुर आदि जगहों पर कटाव की समस्या आई है, परंतु संपर्क बाधित नही हुआ है। वहां के लिए भी जिला स्तर से प्रशासनिक पदाधिकारियों और तकनीकी पदाधिकारियों की टीम जाकर हालात का जायजा लेगी। इस आशय का भी निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया। बैठक में बताया गया कि संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर विभिन्न विभागों द्वारा मुकम्मल तैयारियां की गई हैं। सरकारी नावें भी उपलब्ध है।
साथ ही निजी नावों से भी इकरारनामा किया जा रहा है। बताया गया कि जहां आवागमन की सुविधा पाई जाएगी वहां नाव उपलब्ध कराए जाएंगे,परंतु चचरी और पीपा पुल के माध्यम से असुरक्षित आवागमन पर संभावित खतरे को देखते हुए रोक लगाई जाएगी। इस संबंध में वस्तु स्थिति से अवगत होने एवं तदनुसार उक्त आलोक में करवाई करने हेतु अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी को निर्देशित किया गया है।सुलिस गेट पर भी लगातार नजर रखी जा रही है। बूढ़ी गंडक नदी से संबंधित 90 सुलिस गेट हैं। जिसमें 11 अप्रासंगिक हैं। शेष सभी सुलिस गेट की मरम्मती करा दी गई है। साथ ही सुरक्षात्मक उपायों के मद्देनजर लगभग 70 सुलिस गेटों के पास 500 -500 बालू भरे बोरे भी रखवाए गए हैं। बैठक में इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि संभावित बाढ़ को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में मानव दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गई है और स्वास्थ विभाग आने वाले किसी भी परिस्थितियों का सामना करने हो तैयार है।
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