संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर(बिहार)। मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) नगर निगम ऑटो टिपर घोटाले मे डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने मेयर के खिलाफ जांच कर कार्रवाई का आदेश दे दिया है।बीते 2 जून को उन्होंने नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा को पत्र लिखकर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने को कहा है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच के बाद नगर विकास विभाग ने भ्रष्टाचार के इस मामले में अभियोजन की स्वीकृति दे दी है।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने धारा- 409,467,468,471 तथा 120 बी भादवि एवं भ्रष्टाचार अधिनियम 188 की धारा 19 के धारा 13(2), सपठित धारा 13(1) (ए), भ्रष्टाचार अधिनियम 188 (संशोधित अधिनियम-2018) के तहत अभियोजन की स्वीकृति दी है। डीएम ने पत्र में नगर आयुक्त को नियमानूकुल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। नगर आयुक्त मीणा ने डीएम के पत्र मिलने की पुष्टि की है। साथ ही कहा है कि इस संबंध में कानूनी राय ली जा रही है। इसके बाद कोई कदम उठाया जाएगा।
380 करोड़ के ऑटो टिपर घोटाले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो एक साल से जांच कर रही थी। जांच पूरी होने के बाद मेयर सुरेश कुमार के खिलाफ अभियोजन शुरू करने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग से अनुमति मांगी गयी थी। जिस पर इसी साल फरवरी में नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने सहमति दी थी। इसके बाद अब नगर विकास एवं आवास विभाग की स्वीकृति देते हुए मेयर के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।
क्या है ऑटो टिपर घोटाला मामला
शहर की साफ सफाई के लिए नगर निगम ने नवंबर 2017 में 50 ऑटो टीपर की खरीद का टेंडर निकाला था। इसमें कम कीमत के बदले अधिक कीमत वाले आपूर्तिकर्ता का टेंडर स्वीकृत किया गया था। ब्यूरो की जांच में 3.80 करोड़ की ऑटो टीपर खरीद मामले में करोड़ों के घोटाले की बात सामने आई। विजिलेंस ने वर्ष 2018 में महापौर सुरेश कुमार समेत 10 आरोपितों के विरुद्ध निगरानी थाने में केस दर्ज किया। जिनमें तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन समेत कई अधिकारी और इंजीनियर फंसे हुए हैं।
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