संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार (Bihar) के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय अपने खास और अलग अंदाज के कारण हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। डीजीपी पांडेय का ऐसा ही एक अंदाज पश्चिम चंपारण (West Champaran) में देखने को मिला। यहां के एक गांव में पहुंचे डीजीपी बिल्कुल गंवई अंदाज में दिखे और लोगों से भोजपुरी में बात की।
दरअसल डीजीपी 6 जुलाई की सुबह अचानक पश्चिम चंपारण के गौनाहा स्थित कटरा गांव (Katra Village) पहुंचे। गांव के रहिवासियों ने डीजीपी का जमकर स्वागत किया। इस गांव की खासियत यह है कि आजादी के बाद से आज तक यहां पुलिस में कोई कंप्लेंट दर्ज नहीं की गई। न तो थाने में कोई एफआईआर दर्ज है और न ही कोर्ट में कोई केस। इस गांव में पहुंचकर डीजीपी पांडेय गदगद नजर आए और उन्होंने स्थानीय लोगों के बीच बैठकर पहले जांता (गेहूँ पिसने वाला परंपरागत चक्की) भी चलाया। बाद में डीजीपी रोटी-नमक और मिर्च लेकर उसका स्वाद भी चखते नजर आए।
आधे घंटे के दौरे में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने गांव में घूम-घूम कर जायजा लिया। इस दौरान वे हरिनारायण महतो की पत्नी चंपा देवी के घर गए और उनके मिट्टी के घर की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यह मिट्टी का होते हुए भी काफी साफ-सुथरा है। इससे बीमारी दूर रहेगी। डीजीपी को गांव के मुखिया सुनील कुमार गढ़वाल ने गांव और यहां के लोगों के बारे में बताया।
डीजीपी पांडेय अपने संक्षिप्त दौरे में गांव में घूम-घूम कर लोगों से बात की और इस गांव को आदर्श गांव का दर्जा देने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शायद ही भारत मे ऐसा कोई गांव होगा, जहां आज तक कोई केस मुकदमा नहीं हुआ हो। इस दौरान डीजीपी ने इस गांव के रहिवासियों का आभार व्यक्त किया।
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